(अम्मार जैदी)
बेतुल (गोवा), छह फरवरी (भाषा) वेदांता लिमिटेड कच्चा तेल उत्पादन को दोगुना करने के लिए अगले तीन वर्षों में चार अरब डॉलर का निवेश करेगी।
कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने मंगलवार को यहां भारत ऊर्जा सप्ताह (आईईडब्ल्यू) के मौके पर कहा कि वेदांता अन्वेषण अभियान से तीन वर्ष में प्रति दिन 3,00,000 बैरल (1.5 करोड़ टन प्रति वर्ष) तेल उत्पादन का लक्ष्य रख रही है।
वेदांता ने एक दशक से भी अधिक समय पहले स्कॉटलैंड कंपनी केयर्न एनर्जी (अब मकर एनर्जी) की भारतीय संपत्तियों का अधिग्रहण किया था।
कंपनी, मूल कंपनी वेदांता रिसोर्सेज पर बढ़ते कर्ज को लेकर चिंताओं से प्रभावित हुए बिना निवेश को आगे बढ़ा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल भारत सबसे उपयुक्त स्थान है। यहां संसाधन के साथ-साथ बाजार भी है, लेकिन दुर्भाग्य से हम (एक देश के रूप में) अपनी जरूरत का केवल 15 प्रतिशत उत्पादन करते हैं और बाकी आयात किया जाता है।’’
अग्रवाल ने कहा कि उनकी कंपनी वर्तमान में करीब 1,40,000 बैरल प्रतिदिन तेल तथा तेल के बराबर गैस का उत्पादन करती है। पूर्वोत्तर और गहरे पानी में इसके पास काफी बेहतर क्षेत्र है। इसे कंपनी ने ‘ओपन एकरेज लाइसेंसिंग’ बोली दौर में हासिल किया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आईईडब्ल्यू से इतर आयोजित सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) की गोलमेज बैठक में भी अग्रवाल ने यह बात रखी।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने उनसे (प्रधानमंत्री) कहा कि हम भारत को लेकर आशावादी हैं और इसमें काफी संभावनाएं देखते हैं। देश में अब सही नियामकीय ढांचा और माहौल है।’’
भारत में कर पर उन्होंने कहा कि देश में तेल और गैस उत्पादन पर कर वैश्विक औसत 35 प्रतिशत के मुकाबले 65 प्रतिशत तक है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी इच्छा है कि करों को वैश्विक स्तर पर लाया जाए ताकि वैश्विक कंपनियों और हमारे बीच अनुरूपता हो।’’
उन्होंने कहा कि सरकार को तेल तथा गैस ब्लॉक के पट्टे उनके आर्थिक रूप से उपयुक्त होने तक के लिए देने चाहिए, न कि तदर्थ वर्षों के लिए ताकि कंपनियों को अपनी निवेश रणनीति के साथ बेहतर योजना बनाने में मदद मिल सके।
अग्रवाल ने कहा कि भारत 50 प्रतिशत ऊर्जा खुद बना सकता है। वह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है।
वेदांता ने क्षमता बढ़ाने के लिए हॉलिबर्टन और बेकर ह्यूजेस सहित अमेरिकी तेल क्षेत्र सेवा कंपनियों के साथ समझौता किया है।
भाषा निहारिका निहारिका अजय
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