नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी कैबिनेट-2 में भी निर्मला सीतारमण को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. निर्मला को वित्त और कॉरपोरेट मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है.मंत्रालय के बंटवारे के बाद आज निर्मला मंत्रालय पहुंचकर कार्यभार संभाल लिया है. निर्मला इंदिरा गांधी के बाद देश की दूसरी वित्त मंत्री बनी हैं, पिछली बार जब उनके कंधों पर रक्षा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया था तब भी वह इंदिरा गांधी के बाद पहली रक्षा मंत्री बनी थीं. बता दें कि इंदिरा गांधी हर बार प्रधानमंत्री रहने हुए ही वित्त और रक्षा मंत्रालयों जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी उठाई थी. इंदिरा ने 1970-71 में वित्त मंत्रालय अपने पास रखा था.
इंदिरा गांधी ने 28 फरवरी 1970 को संसद में बजट भी पेश किया था. यह पहला मौका था जब देश में पहली बार किसी महिला वित्त मंत्री ने बजट भाषण दिया था. कुछ महीने के बाद 27 जून 1970 को उन्होंने वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उनकी जगह पर यशवंतराव बलवंत राव चव्हाण वित्त मंत्री बनाए गए थे. इंदिरा गांधी 16 जुलाई 1969 से 27 जून 1970 तक प्रधानमंत्री के साथ-साथ देश की वित्त मंत्री भी रही थीं.
Nirmala Sitharaman takes charge as Minister of Finance and Corporate Affairs. #UnionCabinet pic.twitter.com/JU8lnvIan6
— ANI (@ANI) May 31, 2019
अगर उस हिसाब से देखें तो निर्मला देश की पहली वित्त मंत्री बनी गई हैं. शुक्रवार को मोदी कैबिनेट-2 में गुरुवार को जहां शपथ ग्रहण समारोह हुआ वहीं आज मंत्रालयों का बंटवारा भी कर दिया गया है जिसमें निर्मला एक बार फिर अहम भूमिका के साथ सामने आई हैं.
निर्मला का हाथ बंटाने के लिए अनुराग सिंह को वित्त राज्यमंत्री और कॉरपोरेट अफेयर्स मामलों का राज्यमंत्री बनाया गया है. मोदी कैबिनेट में पिछली बार वित्त मंत्रालय वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के हाथों में था. मोदी कैबिनेट के विस्तार से पहले जेटली ने पीएम मोदी को खत लिखकर किसी भी मंत्रालय का कार्यभार संभालने से इनकार कर दिया था.
सीतारमण के वित्तमंत्री बनने से बाजार चकित
नई सरकार में पूर्व रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को वित्तमंत्री बनाए जाने से भारतीय निवेशक शुक्रवार को अचंभित हो गए. उनको कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय का जिम्मा भी सौंपा गया है. दलाल स्ट्रीट का अनुमान था कि वित्त मंत्रालय या तो अमित शाह को दिया जा सकता है या फिर पीयूष गोयल को.
नए मंत्रिमंडल में अमित शाह गृहमंत्री बने हैं और पीयूष गोयल को पूर्ववत रेलमंत्री बनाया गया है. इसके अलावा उनको वाणिज्य मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को 40,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से फिसलकर कारोबार के अंत में 39,714.20 पर रहा. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का संवेदी सूचकांक निफ्टी 12,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से फिसलने के बाद 11,922.80 पर रहा.
अर्थशास्त्र में पोस्टग्रेजुएट सीतारमण वित्त व आर्थिक जगत से भलीभांति परिचित हैं. वह वित्त और कॉरपोरेट कार्य दोनों मंत्रालयों में राज्यमंत्री रह चुकी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रथम कार्यकाल के दौरान रक्षामंत्री बनने से पहले वह वाणिज्य मंत्री थीं.
वह जुलाई में वित्त वर्ष 2019-20 का आम बजट पेश करेंगी जब उनको आर्थिक सुस्ती और बढ़ती बेरोजगारी के समाधान के लिए समुचित उपाय तलाशने का अवसर मिलेगा.
निर्मला जुलाई में पेश करेंगी बजट
अभी-अभी वित्त का कार्यभार संभालने वाली निर्मला के सामने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पांच सेक्टर में विशेषतौर पर काम करना होगा. बता दें कि मोदी कैबिनेट जुलाई में पेश किया जाएगा और निर्मला को इस बजट के लिए खास तैयारियां करनी होगी वहीं जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए भी काम करना होगा. बता दें कि मोदी सरकार को पांच सेक्टर जैसे कि विमानन, बिजली, बैंक और एनबीएफसी, खपत व स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इन सेक्टर में हाल औरों के मुकाबले काफी खराब हो चुके हैं.
निर्मला सीतारमण के सबसे बड़ी और पहली चुनौती जुलाई में पेश होने वाले पूर्णकालिक बजट की भी तैयारी करनी होगी. फरवरी में पेश हुए अंतरिम बजट की सीमा 30 जून को समाप्त हो रही है, बजट में मध्यम वर्ग के लोगों को टैक्स दरों में कमी और आयकर छूट का दायरा बढ़ाने या फिर पांच लाख की सीमा को स्थिर रखने के फैसले को लेना होगा.
इसके साथ ही घाटे में चल रहे बैंकों को बड़े बैंकों में विलय करना भी प्राथमिकता में रखना होगा. केंद्र सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में भारतीय स्टेट बैंक में सहयोगी बैंकों का और इस साल की शुरुआत में बैंक ऑफ बड़ौदा में देना व विजया बैंक का विलय किया था. अभी कई सरकारी बैंकों में विलय होने की बात चला रही है.
बता दें कि शुक्रवार को हुए मंत्रालयों के बंटवारे में पीएम मोदी ने 24 कैबिनेट मंत्री, 24 राज्यमंत्री और 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री बनाए गए हैं. पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में अमित शाह जुड़ गए हैं उन्हें गृहमंत्रालय का कार्यभार दिया गया है. वहीं राजनाथ को रक्षामंत्री बनाए गए है.