नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) अरबपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाला समूह बुनियादी ढांचा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की वजह से भारत के वर्ष 2030 तक दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा के केंद्र में है। अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी कैंटर फिट्जगेराल्ड एंड कंपनी ने यह टिप्पणी की है।
विश्लेषक ब्रेट नोब्लॉक और थॉमस शिंस्के ने 28 जनवरी को लिखे एक नोट में अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को अपने कवरेज में लाते हुए कहा है कि यह 50 प्रतिशत से अधिक का मुनाफा दे सकती है।
विश्लेषक फर्म ने कहा, ‘‘भारत अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है और 2030 तक दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की महत्वाकांक्षा रखता है। उस मुकाम तक पहुंचने के लिए भारत को डिजिटल और भौतिक बुनियादी ढांचे दोनों में निवेश करने की आवश्यकता है। इसके अलावा ऊर्जा खपत अधिक होने से इसे ऊर्जा उत्पादन भी बढ़ाना होगा।’’
नोट के मुताबिक, ‘‘भारत जो कुछ भी हासिल करना चाहता है, उसके मूल में अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) है। यह भारत में ऊर्जा संसाधनों को लाने के लिए सबसे अधिक भरोसेमंद कंपनी है।’’
विश्लेषकों ने कहा कि एईएल में मौजूदा स्तरों पर जोखिम के लिहाज से आकर्षक लाभ है। इसके बावजूद एईएल भारत में सबसे कम कवरेज वाले नामों में से एक है।
फर्म ने कहा, ‘‘हमारा मत है कि इस समय अडाणी समूह इतना बड़ा है कि उसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हमारी राय में अडाणी को जितनी जरूरत भारत की है, उतनी ही जरूरत भारत को अडाणी की है।’’
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