नरेंद्र मोदी ने एक रोचक और शानदार कैबिनेट का गठन किया है. अमित शाह को उंचा पद मिलना राजनीतिक बदलाव को दर्शाता है. नितिन गडकरी को बड़ा पद मिलना उनकी मेहनत का नतीजा है और एस जयशंकर का मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना हैरान करने वाला और रोमांचक है. मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती धीमी पड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना होगा. अब प्रचार का समय समाप्त हुआ और समय व्यर्थ नहीं किया जा सकता.
कांग्रेस को दिखाई और सुनाई देने की ज़रूरत है, न कि मुंह फुला के बैठने की
कांग्रेस का अपने प्रवक्ताओं को टीवी बहस में नहीं भेजने का फैसला गलत है. ये बचकाना है और चुनाव में हार के बाद बिना सोचे-समझे लिया गया फैसला है. ये वह समय है जब पार्टी को अपने मतदाताओं को बताना चाहिए कि लड़ाई अभी जारी है. राहुल गांधी पहले ही कोप भवन में है, कांग्रेस को आत्ममंथन के साथ नज़र आते रहना चाहिए न कि चुप्पी साध लेनी चाहिए.