नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी अपने दल बल के साथ बस अब से कुछ ही देर में प्रधानमंत्री पद के लिए शपथ लेने जा रहे हैं. पीएम मोदी की 17वीं लोकसभा में बीजेपी ने 303 सीटें जीतकर जबर्दस्त जनादेश हासिल किया है. अगर जनादेश पर नजर डालें तो गांवों से लेकर शहर तक सभी ने पीएम मोदी को ही अपना नेता माना जिसमें अहम भूमिका निभाई महिलाओं ने और ग्रामीणों ने. इसकी बड़ी वजह थी पिछले पांच सालों में पीएम मोदी की वह योजनाएं जो इस देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंची और भाजपा को 303 की सीट पर पहुंचाकर चमत्कार कर दिया है. अब यह देखना रोचक होगा कि पीएम मोदी इस बार और क्या योजनाएं लाते हैं जो आम लोगों की दुनिया को बदल दे..बता दें कि 16वीं लोकसभा में मोदी की छह योजनाएं जिन्होंने उन्हें दुबारा पीएम की कुर्सी तक पहुंचा दिया है.
5 प्रमुख योजनाएं जिसने पीएम को दुबारा कुर्सी तक पहुंचाया
प्रधानमंत्री जन धन योजना- देश के गरीब लोगों को बैंक से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरू की. पीएम ने कुर्सी संभालते ही सबसे पहले इस योजना के लिए झंडी दी और 28 अगस्त 2014 को शुरू की गई. इस योजना का उद्देश्य भ्रष्टाचार रोकने और लाभार्थियों का सरकारी योजनाओं का लाभ देना था. जीरो बैलेंस पर खुलने वाले इस खाते में लोगों को एक लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा कवर दिया जाता है यही नहीं 30,000 रुपए की जीवन बीमा पॉलिसी धारक की मौत होने पर उसके नॉमिनी को दिया जाता है.
आयुष्मान भारत योजना – इस योजना की शुरुआत भारत शासन द्वारा केन्द्रीय वित्त बजट 2018 में की गई थी. जिसके दो मुख्य स्तंभ हैं, देश में एक लाख हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स स्थापित करना एवं 10 करोड़ परिवारों को पांच लाख प्रतिवर्ष के स्वास्थ्य बीमा कवच से जोड़ना. इस योजना का मुख्य उदेश्य देश के स्वास्थ्य सिस्टम को सुधारना था. इस योजना ने गांवों में रह रहे गरीबों को खूब फायदा पहुंचाया जिससे मोदी को वाहवाही मिली.
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को घरेलू रसोई गैस (एलपीजी गैस) का कनेक्शन देती है. इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश के बलिया से 1 मई 2016 को की गयी थी. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना केंद्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सहयोग से चलाई जाती है. इस योजना का लाभ नरेंद्र मोदी को उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में इसका लाभ मिला है.
स्वच्छ भारत अभियान – देश में सर्वव्यापी स्वच्छता को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री ने दिनांक 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी. इसके अंतर्गत दो उप मिशन थे. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) दोनों इसके अंतर्गत आते हैं. इन दोनों मिशनों का उद्देश्य महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ को सही रूप में श्रद्धांजलि देते हुए वर्ष 2019 तक स्वच्छ भारत के उद्देश्य को प्राप्त करना है. इससे ग्रामीण भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस और तरल अपशिष्ट पदार्थ प्रबंधन की गतिविधियों के माध्यम से स्वच्छता के स्तरों में वृद्धि होगी और गांवों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ), स्वच्छ तथा शुद्ध बनाया जाएगा. इसका प्रमुख उदेश्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का उद्देश्य दिनांक 02 अक्टूबर, 2019 तक स्वच्छ एवं खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) भारत को प्राप्ति करना हैं.
मेक इन इंडिया- इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री ने 25 सितंबर 2014 को दिल्ली के विज्ञान भवन में की थी. मेक इन इंडिया का मकसद देश को मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाना है. देश में घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों को मूल रूप से एक अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने का वायदा किया गया है. ताकि 125 करोड़ की आबादी वाले मजबूत भारत को एक विनिर्माण केंद्र के रूप में परिवर्तित करके रोजगार के अवसर पैदा हो सके.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना – इस योजना का मकसद छोटे उद्यम शुरू करने के लिए लोन देना है. इसके तहत लोगों को अपना उद्यम (कारोबार) शुरू करने के लिए छोटी रकम का लोन दिया जाता है. यह योजना अप्रैल 2015 में शुरू हुई थी. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत मिलने वाले लोन की खास बात यह है कि इसके तहत लोन लेने वाले चार लोगों में से तीन महिलाएं होंगी. मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी के लोन मिलता है. इसके अलावा लोन के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता है. मुद्रा योजना में लोन चुकाने की अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है.
इन सबके बीच अब सभी यह पूछ रहे हैं कि पीएम मोदी अब कौन सी योजनाएं लांच करेंगे जो आम लोगों से जुड़ी होगी और इसका प्रभाव सीधा आमलोगों पर पड़ेगा.