नई दिल्ली: केंद्र सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा मध्यप्रदेश को स्टार्टअप रैकिंग 2022 मे “लीडर” अवार्ड दिया गया है.
मंगलवार को भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में हुए कार्यक्रम में राज्यों की स्टार्टअप रैकिंग 2022 और राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2023 के परिणाम घोषित किए गए.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य को बधाई देते हुए सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, “बड़े ही हर्ष एवं प्रसन्नता का विषय है कि States Startup Ranking Framework 2022 में मध्यप्रदेश ने “लीडर” राज्य (1 करोड़ से अधिक जनसंख्या) के रूप में अपना स्थान बनाया है.”
उन्होंने आगे कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय विभाग एवं उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा चलाए गए कई उल्लेखनीय कार्यक्रमों को भी जाता है. मुझे पूर्ण विश्वास है कि आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ऐसे ही उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयास करती रहेगी.
बड़े ही हर्ष एवं प्रसन्नता का विषय है कि States Startup Ranking Framework 2022 में मध्यप्रदेश ने "लीडर” राज्य (1 करोड़ से अधिक जनसंख्या) के रूप में अपना स्थान बनाया है।
इस उपलब्धि का श्रेय विभाग एवं उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा चलाए गए कई उल्लेखनीय कार्यक्रमों को भी जाता है।…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 16, 2024
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्रालय श्री पीयूष गोयल ने मध्यप्रदेश एमएसएमई विभाग के संचालक श्री रोहित सिंह को यह अवार्ड प्रदान किया.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के सचिव पी नरहरि ने प्रदेश में एक मजबूत इकोसिस्टम विकसित करने के लिए मध्यप्रदेश की अपनी टीम को बधाई दी है.
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्टार्टअप के क्षेत्र में सराहनीय कदम उठाये गये हैं जिनमें प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों में स्टार्टअप जागरूकता के लिए प्रभावकारी तंत्र विकसित करना, इन्टरैक्टिव पोर्टल का निर्माण तथा स्टार्टअप एवं निवेशकों के मध्य बैठकें आयोजित करना शामिल है.
मध्यप्रदेश शासन ने फरवरी 2022 में अपनी नई मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति एवं कार्यान्वयन योजना 2022 लागू की थी जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्चुअली किया गया था. मई 2022 माह में इन्दौर में एक भव्य स्टार्टअप कान्कलेव का आयोजन किया गया था. उक्त नई नीति के फलस्वरूप राज्य में डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या एक साल ग्यारह महीने में ही 108% से अधिक बढ़ गई है.
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