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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशप्रशासन पर कार्रवाई से लेकर समस्याओं के तुरंत निवारण तक MP के CM मोहन यादव के बड़े फैसले

प्रशासन पर कार्रवाई से लेकर समस्याओं के तुरंत निवारण तक MP के CM मोहन यादव के बड़े फैसले

मोहन सरकार ने ध्वनि प्रदूषण के मामलों की जांच के लिए एक फ्लाइंग स्क्वॉड गठित की, जो निर्धारित सीमा से अधिक ध्वनि प्रदूषण की शिकायत मिलने पर क्षेत्र में जा कर सीधे तौर पर कार्रवाई कर रही है.

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नई दिल्ली: मध्यप्रदेश की नई सरकार के गठन को एक महीना पूरा हो चुका है और राज्य के 19वें मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जिस मजबूत इच्छाशक्ति के साथ जनता के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है, उससे पूरे राज्य में एक सकारात्मक संदेश गया है कि सरकार जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है.

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की समस्याओं के निपटान के लिए जैसी संजीदगी दिखाई है, उसकी दूसरी मिसाल देखने को नहीं मिलती. पद की शपथ लेने के तुरंत बाद सीएम ने पहला बड़ा फैसला मध्यप्रदेश में धार्मिक स्थानों पर तेज़ आवाज़ में लाउड स्पीकर बजाने और खुले में मांस और अंडे की बिक्री पर सख्ती से रोक का लिया था. धार्मिक स्थलों पर तेज़ आवाज़ में बजने वाले स्पीकर लंबे समय से आम जनता के लिए परेशानी का सबब बन गए थे. खुले में मांस और अंडे बेचने पर रोक का फैसला, जिसे हालांकि, विपक्षी दलों ने भाजपा का सांप्रदायिक एजेंडा करार दिया और इसे मुसलमानों के खिलाफ बताने की भी कोशिश की, लेकिन प्रदेश की आम जनता ने फैसले का स्वागत किया, क्योंकि नियम प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों के लिए समान रूप से लागू किए गए. स्वास्थ्य की दृष्टि से भी देखा जाए तो खुले में मांस को बिक्री सेहत के लिए हानिकारक है.

मोहन सरकार ने ध्वनि प्रदूषण के मामलों की जांच के लिए एक फ्लाइंग स्क्वॉड गठित की, जो निर्धारित सीमा से अधिक ध्वनि प्रदूषण की शिकायत मिलने पर क्षेत्र में जा कर सीधे तौर पर कार्रवाई कर रही है. साथ ही धार्मिक स्थलों पर ध्वनि प्रदूषण की हर हफ्ते समीक्षा भी प्रदेश में शुरू की गई है, जिसका ज़मीन पर असर दिखने लगा है.

इसके अलावा एक और अहम फैसला राज्य में भाजपा के एक कार्यकर्ता पर हमला कर उनकी कलाई काटने के आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने का था. संदेश देने की कोशिश की गई कि अपराध नियंत्रण के मामलों में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए सरकार ने अपराधियों की ज़मानत निरस्त करने का भी फैसला किया है.

भोपाल का बस रैपिड ट्रासंपोर्ट सिस्टम (बीआरटीएस) शुरू से विवादों में रहा है. 13 साल पहले बना यह कॉरिडोर 360 करोड़ रुपये खर्च के बाद भी सफल नहीं रहा. यातायात को सुगम बनाने के मकसद से लाए गए कॉरिडोर से लगने वाले जाम से ट्रैफिक व्यवस्था नहीं सुधरी. मोहन सरकार ने इसे खत्म करने का फैसला लेकर भविष्य के एक्शन प्लान को बता दिया.

सीएम ने गुना बस हादसे के लिए पूरी नौकरशाही को जिम्मेदार मानते हुए कलेक्टर पर एक्शन लेने के साथ ही अधिकारियों को सस्पेंड कर अपने इरादे जता दिए. गुना में एक निजी बस और डंपर की टक्कर के बाद की गई मामले की जांच में सामने आया कि दोनों वाहनों का अवैध तरीके से संचालन किया जा रहा था. इसके बाद मुख्यमंत्री ने जिले के कलेक्टर, एसपी के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और प्रमुख सचिव परिवहन को भी पद से हटा दिया.

सीएम ने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के उद्देश्य से हर जिले में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कालेज खोलने का फैसला लिया है. यही नहीं सरकार उच्च शिक्षा में प्रदेश के सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालय में डिजीलॉकर सिस्टम लाकर छात्र-छात्राओं की समास्याओं को हल करना चाहती है. ज़मीनों के फर्ज़ीवाड़े को रोकने की दिशा में रजिस्ट्री के साथ अब नामांतरण की प्रक्रिया भी शुरू होने जा रही है.

नए साल में देशभर में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से आम जनता को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा. ट्रांसपोर्टरों के साथ बातचीत में जब शाजापुर के जिलाधिकारी ने एक ड्राइवर को औकात बताने की नसीहत दी, तो मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता को मिसाल पेश करते हुए जिलाधिकारी को पद से हटाने में देरी नहीं की.


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