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Friday, 15 November, 2024
होमदेशविशेष पुलिस इकाई, एंटी-ड्रोन तकनीक और ग्रीन कॉरिडोर — 22 जनवरी को कैसा रहेगा अयोध्या का सुरक्षा घेरा

विशेष पुलिस इकाई, एंटी-ड्रोन तकनीक और ग्रीन कॉरिडोर — 22 जनवरी को कैसा रहेगा अयोध्या का सुरक्षा घेरा

जानकारी मिली है कि चार्टर्ड विमान वीवीआईपी को अयोध्या लाएंगे और ले जाएंगे. 22 जनवरी को निर्माणाधीन राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 7,000 से अधिक आमंत्रित लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर में राम की मूर्ति की ‘‘प्राण प्रतिष्ठा’’ से पहले सुरक्षा उपायों का एक विस्तृत नेटवर्क तैयार किया गया है.

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन अयोध्या शहर अर्धसैनिक बलों और यूपी पुलिस की विशेष इकाइयों के अलावा लगभग 8,000 पुलिस कर्मियों से भरा होगा, जिन्हें एंटी-ड्रोन तकनीक के अलावा रणनीतिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी.

यह भी पता चला है कि वीआईपी लोगों के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए चुनिंदा मार्गों पर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाएगा और चुनिंदा गणमान्य व्यक्तियों को अयोध्या लाने और ले जाने के लिए चार्टर्ड विमानों का इस्तेमाल किया जाएगा.

केवल “निमंत्रण पत्र” वाले लोगों को 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी.

हालांकि, अनुमान है कि लगभग 7,000-9,000 आमंत्रित लोगों के शामिल होने की उम्मीद है, सटीक संख्या तभी पता चलेगी जब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र उत्तर प्रदेश में सभी सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को अंतिम सूची भेजेगा.


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स्पेशल यूनिट, ग्रीन कॉरिडोर और चार्टर्ड विमान

पुलिस सूत्रों के अनुसार, समारोह से पहले सुरक्षा तैयारियों की निगरानी के लिए राज्य भर के 10 शीर्ष अधिकारियों की एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है. यह कदम अयोध्या जिले में “संगठित अपराध और माफिया” पर “कई गुना निगरानी” बढ़ाने के लिए उठाया गया था.

यूपी पुलिस के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, “इस काम के लिए एक विशेष इकाई तैयार की गई है. अन्य जिलों में भी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की इकाइयां क्षेत्र और उसके आसपास संगठित अपराध, भू-माफिया और आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ हाई अलर्ट पर हैं. हम संदिग्धों के बीच संचार पर भी नज़र रख रहे हैं. हालांकि, एसटीएफ मुख्य रूप से आपराधिक गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए है. अंदरूनी सुरक्षा स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक इकाइयों द्वारा संभाली जाएगी.”

वीआईपी की सुरक्षित और सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने की योजना पर, पुलिस के एक अन्य सूत्र ने कहा कि विचार मंदिर शहर को “लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर” से जोड़ने वाले स्वच्छ मार्ग प्रदान करना है.

सूत्र ने कहा, कुछ गणमान्य व्यक्तियों को चार्टर्ड विमानों से लाया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी आवाजाही से ट्रैफिक जाम न हो.

प्राण प्रतिष्ठा के लिए किए जाने वाले प्रमुख सुरक्षा उपायों में ड्रोन की तैनाती और पूरे अयोध्या में रणनीतिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना के अलावा मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए एआई-आधारित एंटी-ड्रोन तकनीक की तैनाती की जाएगी.

तीसरे सूत्र ने कहा, “यह तकनीक उन रेडियो फ्रीक्वेंसी और ड्रोन को स्कैन करने में मदद करेगी जो क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए अधिकृत नहीं हैं. इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और इंफ्रारेड सेंसर दृश्य और हीट सिग्नेचर के माध्यम से ऐसे ड्रोन का पता लगाएंगे.”

इस बीच केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुरक्षा अपने हाथ में ले ली है और एहतियात के तौर पर सुविधा पर 150 से अधिक कर्मियों को तैनात किया जा रहा है.

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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