नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) उत्तराखंड के राजाजी बाघ अभयारण्य में एक प्रायोगिक इलेक्ट्रिक वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद गाड़ी बनाने वाली कंपनी प्रवेग डायनामिक्स ने मंगलवार को कहा कि वह अधिक जानकारी मुहैया कराने के लिए जांच एजेंसियों के साथ काम कर रही है।
इस हादसे में दो वन रेंजर सहित चार लोगों की मौत हो गई थी जबकि एक महिला वार्डन लापता हैं।
बेंगलुरू से संचालित कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह वाहन के प्रदर्शन के दौरान हुई इस दुर्घटना से काफी दुखी है। वहीं वाहन के चालक ने अलग से एक बयान में कहा कि वन अधिकारियों ने परीक्षण के दौरान ‘ओवरलोड’ करने और गति तेज करने के लिए बाध्य किया।
वाहन चला रहे मैकेनिकल इंजीनियर अश्बिन बीजू ने एक बयान में कहा कि वह न तो उस समय नशे में थे और न ही थके हुए थे।
बीजू ने बयान में कहा कि उत्तराखंड के वन विभाग से मंजूरी मिलने के बाद पहला परीक्षण सामान्य रूप से सोमवार सुबह संपन्न हुआ। लेकिन दोपहर में प्रदर्शन के दूसरे दौर में, वन अधिकारियों ने उन्हें 9 कर्मियों (चालक सहित कुल 10 लोग) को ले जाने के लिए बाध्य किया। बयान के अनुसार गाड़ी में चालक सहित कुल आठ लोगों के बैठने की क्षमता है।
उन्होंने कहा, ‘वाहन के पीछे खड़े रेंजर ने मुझे चिल्ला बांध सड़क पर जाने का आदेश दिया… और तय गति से अधिक नहीं चलने के मेरे अनुरोध के बावजूद उन्होंने तेज़ी से गाड़ी चलाने को कहा। मैंने 2-3 बार उनका आदेश मानने से इनकार कर दिया लेकिन बाद में उनके दबाव में झुक गया।’’
उन्होंने कहा, ‘चूंकि यह इलेक्ट्रिक वाहन है, इसलिए यह काफी जल्दी रफ्तार पकड़ लेता है और वाहन एक सेकंड से भी कम समय में 70 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंच गया।’’
बीजू ने कहा कि खराब सड़कों के कारण टायर फट गया और वाहन से नियंत्रण हट गया। उन्होंने कहा कि उसके बाद वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उन्होंने कहा कि उसके बाद क्या हुआ, उन्हें याद नहीं है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, ‘हमें एक दुखद घटना की जानकारी देते हुए काफी दुख हो रहा है… हमें दुर्घटना और उसके बाद टायर फटने से हुई मौतों की रिपोर्ट मिली है। वह जांच एजेंसियों और वितरकों के साथ काम कर रही है और अधिक विवरण उपलब्ध करा रही है।’’
भाषा अविनाश वैभव
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