नई दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन पर प्रतिक्रिया देते हुए उनकी बहन अंजलि सोरेन ने रविवार को केंद्र सरकार पर उनके भाई (हेमंत सोरेन) को “परेशान” करने का आरोप लगाया क्योंकि वह “आदिवासी” हैं.
सोरेन की बहन ने रविवार को बताया, “एक तरफ केंद्र सरकार आदिवासियों के उत्थान की बात करती है और द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बना देती है और दूसरी तरफ हमें परेशान किया जा रहा है. झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार आदिवासी है इसलिए, उन्हें परेशान किया जा रहा है.”
उन्होंने एएनआई से कहा, “सरकार को डर है कि अगर हेमंत सोरेन सरकार बनी रही तो उन्हें (बीजेपी) आदिवासियों का वोट नहीं मिलेगा. इसलिए, वे किसी तरह उन्हें बदनाम करना चाहते हैं.”
यह पूछे जाने पर कि ईडी ने झारखंड के सीएम को सात समन क्यों भेजे, अंजलि सोरेन ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, ”मैं सिर्फ यह कहना चाहती हूं कि केंद्र सरकार हेमंत सोरेन को परेशान कर रही है.”
इस बीच, जब उन अटकलों के बारे में पूछा गया कि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई की स्थिति में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन राज्य की अगली सीएम हो सकती हैं, तो उनकी बहन ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह मुख्यमंत्री बन सकती हैं.
उन्होंने कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो वह (सीएम) बन सकती हैं. हमारी पार्टी के अन्य सदस्य भी हैं, यह विधायक दल की बैठक में तय किया जाएगा. मैं आपको पुष्टि के साथ नहीं बता सकती लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो वह बनेंगी.”
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सातवां समन
इससे पहले पिछले हफ्ते, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत झारखंड के सीएम को सातवां समन जारी किया था, जिसमें उन्हें अपना बयान दर्ज करने के लिए कहा गया था.
चूंकि वह ईडी के सात समन के लिए उपस्थित नहीं हुए थे, इस बार एजेंसी ने कहा कि बयान दर्ज करने का यह उनका आखिरी मौका है.
ईडी ने समन में उल्लेख किया है, “छह समन जारी होने के बावजूद, आप (हेमंत सोरेन) निराधार कारणों का हवाला देते हुए इस कार्यालय के समक्ष उपस्थित नहीं हुए हैं. यह गैर-उपस्थिति वर्तमान मामले में जांच की प्रगति को बाधित कर रही है.”
ईडी ने पूछताछ के लिए 12 दिसंबर को छठा समन जारी किया, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यवाही में शामिल नहीं हुए.
सीएम सोरेन को पहली बार ईडी ने अगस्त के मध्य में भूमि ‘घोटाले’ मामले में तलब किया था. हालांकि, सीएम ने यह दावा करते हुए सम्मन को नजरअंदाज कर दिया कि वह राज्य के स्वतंत्रता दिवस समारोह में व्यस्त थे. उन्हें 24 अगस्त और 9 सितंबर को फिर से उपस्थित होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने व्यस्तताओं का हवाला देते हुए तारीखों को छोड़ दिया.
इसके बाद एजेंसी ने झारखंड के सीएम को अपना चौथा समन जारी किया और उन्हें 23 सितंबर को एजेंसी को रिपोर्ट करने के लिए कहा. सीएम ने पहले धमकी दी थी कि अगर केंद्र ने उनके खिलाफ जारी समन वापस नहीं लिया तो वह केंद्र के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेंगे.
एजेंसी को लिखे अपने पत्र में सोरेन ने कहा कि उन्होंने ईडी को सभी आवश्यक दस्तावेज और जानकारी उपलब्ध करा दी है.
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