दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के विशेष कार्टून में, संदीप अध्वर्यु ने अयोध्या में बहुप्रतीक्षित राम मंदिर के उद्घाटन को दर्शाया है. जबकि विपक्ष ने धर्म के राजनीतिकरण के आधार पर सरकार के ‘निमंत्रण’ को खारिज कर दिया.
चूंकि सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है, सत्ता में बैठे नेता इसे अवैध आप्रवासन को रोकने के लिए ‘अंतिम’ हथियार मानते हैं. यहां, कुमार व्यंग्यपूर्वक दर्शाते हैं कि ‘यदि वे भारत के बजाय अन्य देशों को चुनते हैं तो उन भारतीयों को कितनी नाराजगी महसूस होगी.’
आलोक निरंतर ने अपने नवीनतम चित्रण में, एनसीपी के जितेंद्र अवहाद और भाजपा के राम कदम पर इस बात पर कटाक्ष किया है कि वे इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि भगवान राम शाकाहारी थे या मांसाहारी, जबकि गरीब खाली हाथ खड़े हैं, रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. आव्हाड ने राम को मांसाहारी बताने वाली अपनी टिप्पणी के लिए आज माफीनामा जारी किया.
सतीश आचार्य तीन नए आपराधिक कानूनों के पारित होने का हवाला देते हैं, जिसने ‘हिट-एंड-रन’ मामलों के तहत प्रावधानों के लिए ट्रक ड्राइवरों के बीच अशांति पैदा की. जबकि सरकार ने कानूनों पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष को बाहर कर दिया, हालांकि, ड्राइवरों को कानूनों के कार्यान्वयन से पहले उनसे परामर्श करने का आश्वासन दिया है.
आर प्रसाद भी ट्रक ड्राइवरों के विरोध और तीन आपराधिक कानूनों पर टिप्पणी में शामिल होते हैं. ‘हिट-एंड-रन केस’ के तहत प्रावधानों को लागू करने से पहले ड्राइवरों से परामर्श करने का सरकार का आश्वासन प्रदर्शनकारियों को राहत देता है.