हैदराबाद: एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मताधिकार सिर्फ इसलिए नहीं समाप्त होना चाहिए कि वह अपने माता-पिता की तीसरी औलाद हैं. हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने यह टिप्पणी योगगुरु बाबा रामदेव के उस सुझाव पर की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि तीसरे बच्चे के पास वोट देने का अधिकार नहीं होना चाहिए.
रामदेव ने जनसंख्या नियंत्रण का आह्वान करते हुए रविवार को सुझाव दिया था कि सरकार को एक ऐसा कानून बनाना चाहिए जिसमें किसी भी दंपति के तीसरे बच्चे को वोट देने का अधिकार नहीं हो.
ओवैसी ने ट्विटर पर सवाल किया, ‘लोगों को असंवैधानिक चीजें कहने से रोकने के लिए कोई कानून नहीं है, लेकिन रामदेव के विचारों पर अनावश्यक ध्यान क्यों दिया जा रहा है?’
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता ने कहा, ‘वह अपना पेट या अपने पैर हिलाकर कोई चीज कर सकते हैं तो इसका मतलब यह नहीं होता कि नरेंद्र मोदी अपने माता-पिता की तीसरी औलाद होने के नाते मताधिकार खो दें.’ ओवैसी यह बता रहे थे कि नरेंद्र मोदी दामोदरदास मूलचंद मोदी और हीराबेन मोदी से पैदा हुए छह बच्चों में तीसरे नंबर पर हैं.
बता दें कि बाबा रामदेव योग के अलावा तमाम राजनीतिक सामाजिक विषयों पर अपनी राय रखते रहे हैं. जनसंख्या नियंत्रण को काफी पहले से ही मुद्दा बनाते रहे हैं. यूपीए सरकार के दौरान काले धन की वापसी को मुद्दा बनाया था. इसके लिए रामलीला मैदान में धरना दिया था. कालेधन पर लगाम की कोशिश के तहत मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले का उन्होंने जमकर समर्थन किया था.
(न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट्स के साथ )