नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष के रूप में संजय सिंह के चयन के बाद ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने शुक्रवार को अपना नागरिक पुरस्कार, पद्म श्री प्रधानमंत्री को लौटा दिया.
सिंह भाजपा सांसद और पूर्व डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के लंबे समय से सहयोगी हैं, जिन्हें कई महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद पद छोड़ना पड़ा था.
एक अन्य ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने संजय सिंह की नियुक्ति के विरोध में गुरुवार को पूरी तरह से खेल छोड़ दिया.
पुनिया ने नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में, जिसे उन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म उनकी शिकायतों पर आगे बढ़ें.
उन्होंने कहा कि विरोध का दूसरा चरण तभी समाप्त हुआ जब सरकार ने पीड़ित महिला पहलवानों को “न्याय” देने का वादा करते हुए बृज भूषण के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया, और कहा कि यह उन्हें, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों को डब्ल्यूएफआई से हटा देगा. छह बार भाजपा सांसद रहे सिंह 12 साल तक डब्ल्यूएफआई प्रमुख रहे हैं.
पुनिया ने कहा कि 21 दिसंबर के चुनाव के नतीजों ने पहलवानों में निराशा ला दी है, जिससे वे ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि चुनाव नतीजों का मतलब है कि बृज भूषण सिंह, “जिनकी छाया से भी महिला पहलवान डरती थीं”, वो डब्ल्यूएफआई पर शासन करना जारी रखेंगे.
पुनिया ने हिंदी में लिखा, “हममें से जिन्हें पुरस्कार दिया गया, वे इन महिलाओं के लिए कुछ नहीं कर सके.” उन्होंने कहा कि इसलिए वह पद्मश्री लौटा रहे हैं.
मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है। 🙏🏽 pic.twitter.com/PYfA9KhUg9
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) December 22, 2023
उन्होंने कहा कि जो महिलाएं उत्तरी राज्यों के लिए केंद्र सरकार की बहुप्रतीक्षित पहल “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान की ब्रांड एंबेसडर हो सकती थीं, उन्हें खेल छोड़ने के लिए मजबूर किया गया.
पुनिया ने कहा, “मैं अपना जीवन एक ‘सम्मानित’ एथलीट के रूप में नहीं जी सकता क्योंकि मैं उनके लिए कुछ भी नहीं कर पाया… सार्वजनिक रूप से ‘सम्मानित’ कहलाना अब मुझे सही नहीं लगेगो, क्योंकि उस सम्मान की हकदार एक महिला एथलीट को इससे वंचित कर दिया गया है.”
उन्नीस महिला पहलवानों ने जनवरी में उत्तर प्रदेश के सांसद बृज भूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. पुनिया ने इसके लिए सांसद के दबाव को जिम्मेदार बताते हुए कहा, अप्रैल में यह संख्या घटकर सात हो गई और फिर छह हो गई.
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