नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक योजना को मंजूरी दे दी, जिसके तहत केंद्र सरकार अगले चार वर्षों में 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान करेगी.
ये ड्रोन 2023-24 और 2025-2026 के दौरान उपलब्ध कराए जाएंगे. एसएचजी को कृषि के इस्तेमाल के लिए किसानों को किराये के तौर पर ड्रोन उपलब्ध कराया जाएगा.
अगले 4 वर्षों में इस योजना के लिए अनुमानित पूंजी परिव्यय 1,261 करोड़ रुपये आंका गया है.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा के बाद पीआईबी के महानिदेशक ने अपनी एक्स टाइमलाइन पर पोस्ट किया कि केंद्र सरकार की सहायता, ड्रोन की लागत का 80 प्रतिशत और सहायक उपकरण/सहायक शुल्क अधिकतम 8 लाख रुपये तक प्रदान किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडियाकर्मियों से कहा, “यह योजना पीएम मोदी की ‘लखपति दीदी’ पहल के हिस्से के रूप में अहम है. ड्रोन सेवा क्षेत्र में अहम भूमिका निभाते हैं. लगभग 10 करोड़ महिलाएं हैं, जो कुछ स्वयं सहायता समूहों का हिस्सा हैं. इस ड्रोन योजना जरिए, यह सुनिश्चित किया गया है “वे खेती में प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं…ड्रोन उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव में दक्षता में सुधार करेंगे.”
इसके अलावा, एसएचजी के एक सदस्य को पांच दिवसीय अनिवार्य ड्रोन पायलट प्रशिक्षण और कृषि उद्देश्यों के लिए पोषक तत्व और कीटनाशक के लिए अतिरिक्त 10-दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाना है.
साथ ही, केंद्रीय कैबिनेट ने आज मंजूरी दे दी है कि केंद्र सरकार सार्वजनिक वितरण योजना के तहत पात्र नागरिकों को अगले पांच वर्षों तक मुफ्त अनाज प्रदान करेगी.
पीएम गरीब कल्याण योजना कोविड महामारी की दौरान शुरू की गई थी, जहां राशन कार्ड धारक अतिरिक्त पांच किलो अनाज (निजी पसंद का गेहूं या चावल) प्राप्त करने के हकदार हैं. साथ ही अतिरिक्त खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम के तहत चना भी उपलब्ध कराया जा रहा है.
पीएम गरीब कल्याण योजना का विस्तार करने की केंद्र की मंशा का जिक्र खुद प्रधानमंत्री मोदी ने इस महीने की शुरुआत में अपनी चुनावी रैलियों के दौरान किया था.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) अप्रैल 2020 में देश में कोविड-19 महामारी के कारण हुए आर्थिक व्यवधानों के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के खास मकसद से शुरू की गई थी.
शुरू में, 2020-21 में, PMGKAY योजना की घोषणा केवल 3 महीने (अप्रैल-जून 2020) की अवधि के लिए की गई थी, हालांकि, इसे लगातार सात चरणों में दिसंबर 2022 तक बढ़ा दिया गया था.
इससे 80 करोड़ लाभार्थियों को फायदा हुआ है.
इससे पहले, केंद्र सरकार ने गरीब लाभार्थियों से वित्तीय बोझ हटाने और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की राष्ट्रव्यापी एकरूपता और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्णय लिया था और एनएफएसए, 2013 के तहत कवर किए गए लाभार्थियों को मुफ्त में खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था.
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