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Friday, 22 November, 2024
होमदेश18 नाबालिग छात्राओं के यौन शोषण के आरोप में उन्नाव स्कूल का हेडमास्टर गिरफ्तार, POCSO के तहत मामला दर्ज

18 नाबालिग छात्राओं के यौन शोषण के आरोप में उन्नाव स्कूल का हेडमास्टर गिरफ्तार, POCSO के तहत मामला दर्ज

एफआईआर के मुताबिक, 7 से 14 साल की उम्र की लड़कियों ने स्कूल स्टाफ और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों से बात करते हुए हेडमास्टर पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के एक गांव में एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर को स्कूल में पढ़ने वाले कम से कम 18 नाबालिग छात्राओं के कथित यौन शोषण के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किया गया.

एफआईआर में कहा गया है कि मामला तब सामने आया जब 7 से 14 साल की उम्र के छात्रों ने स्कूल में रसोइया के रूप में कार्यरत तीन महिलाओं को इस बारे में बताया, जिन्होंने बाद में शिक्षकों को इस बारे में सूचित किया.

शिक्षक इस मामले को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के पास ले गए, जिन्होंने छात्रों के बयान दर्ज करने के लिए शनिवार को स्कूल में एक टीम भेजी.

मामले में उसी दिन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), धारा 294 (अश्लील हरकतें और गाने), और धारा 9एफ (जो कोई किसी शैक्षणिक संस्थान या धार्मिक संस्थान के प्रबंधन या स्टाफ में होता है, वह उस संस्थान में किसी बच्चे पर यौन हमला करता है) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012 की धारा 10 (गंभीर यौन हमला) के तहत मामला दर्ज किया गया. दिप्रिंट के पास एफआईआर की एक काॅपी भी है.

शनिवार को मीडिया से बात करते हुए, NCPCR सदस्य प्रीति भारद्वाज ने कहा कि स्कूल आठवीं कक्षा तक एक सह-शिक्षा संस्थान था.

उन्होंने आरोप लगाया, “सात से 14 साल की उम्र के कम से कम 18 छात्र आगे आए और हमें बताया कि हेडमास्टर उनका यौन उत्पीड़न कर रहा था.” उन्होंने आगे कहा कि छात्रों ने उन्हें यह भी बताया कि हेडमास्टर की पहचान एफआईआर में 51 वर्षीय राजेश कुमार के रूप में की गई है – जो उन्हें बुलाकर 5 या 10 रुपये (प्रलोभन के तौर पर) देते थे..

भारद्वाज ने कहा, “उचित आईपीसी [भारतीय दंड संहिता] धाराओं और POCSO [यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण] अधिनियम के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई है. आने वाले दिनों में और धाराएं जोड़े जाने की संभावना है क्योंकि यह बच्चों के खिलाफ एक गंभीर अपराध है.”

एक वीडियो बयान में, उन्नाव के सहायक पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने कहा कि पुलिस को शनिवार को हेडमास्टर के अश्लील हरकतों में लिप्त होने की सूचना मिली थी.

उन्होंने कहा, “एफआईआर दर्ज कर ली गई है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है. आरोपी से पूछताछ की जा रही है.”

एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद, जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कुमार को निलंबित कर दिया. दिप्रिंट के पास निलंबन आदेश की एक प्रति है.


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‘बैड टच का सामना’

एफआईआर में रसोइयों के हवाले से कहा गया है कि छात्राओं के एक समूह ने उन्हें सूचित किया कि स्कूल के हेडमास्टर ने उन्हें अपने पास बुलाया और “अश्लील हरकतें और गलत इशारे किए”.

एफआईआर में कहा गया है कि “लड़कियों ने हेडमास्टर द्वारा बैड टच का सामना करने के बारे में बताया, जिसके बाद रसोइयों ने स्कूल की एक महिला शिक्षक को इस बारे में सूचित किया. उसके बाद और भी शिक्षकों ने छात्राओं से बात की. फिर शिक्षकों ने बुनियादी शिक्षा अधिकारी (जिले के बुनियादी शिक्षा अधिकारी) और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को इस बारे में सूचित किया.”

स्कूल में NCPCR टीम के दौरे के बारे में बात करते हुए भारद्वाज ने कहा, “आधी छात्राओं ने इस मुद्दे पर हमसे खुलकर बात की. बाल कल्याण समिति की एक टीम हमारे साथ आई और छात्राओं के बयान दर्ज किए. हमने उनके माता-पिता के साथ-साथ स्कूल में काम करने वाले कर्मचारियों के भी बयान दर्ज किए हैं.”

कुमार के निलंबन आदेश के अनुसार और दर्ज की गई एफआईआर के कारण उनके खिलाफ “शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन, कर्मचारी (आचरण) विनियमन, 1986 के बुनियादी नियमों के विरुद्ध कार्य करने और [यूपी] बेसिक शिक्षा कर्मचारी नियम, 1973 के विरुद्ध कार्य करने के लिए”, विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है.

(संपादन: अलमिना खातूना)
(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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