नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हिरन ऑर्गोकेम लिमिटेड द्वारा जीडीआर (ग्लोबल डिपोजिटी रिसीट) जारी करने में हेराफेरी करने के एक मामले में अरुण पंचारिया को नोटिस जारी करते हुए उन्हें लगभग 26.25 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा है।
बाजार नियामक ने 23 नवंबर को जारी अपने नोटिस में पंचारिया को 15 दिन के अंदर भुगतान नहीं होने पर गिरफ्तारी और संपत्तियों के साथ-साथ बैंक खातों को कुर्क करने चेतावनी भी दी है।
सेबी ने पंचारिया पर जुलाई में लगाए गए जुर्माने का भुगतान नहीं होने पर यह मांग नोटिस भेजा है।
नियामक ने नोटिस में पंचारिया को 15 दिन के अंदर ब्याज, वसूली लागत मिलाकर 26.25 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
बकाया नहीं चुकाने की स्थिति में बाजार नियामक पंचारिया की चल-अचल संपत्ति कुर्क कर और बेचकर रकम वसूल करेगा।
इसके अलावा, उनके बैंक खातों की कुर्की भी होगी और उन्हें गिरफ्तारी का भी सामना करना पड़ेगा।
जुलाई में सेबी ने हिरन ऑर्गोकेम के मामले में जीडीआर जारी करने में हेरफेर के लिए पंचारिया पर 25 करोड़ रुपये और मुकेश चौरड़िया पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
यह निर्देश सेबी द्वारा यह पता लगाने के लिए जांच करने के बाद आया कि क्या हिरन ऑर्गोकेम के जीडीआर के अंतर्निहित शेयर उचित तरीके से जारी किए गए थे। जांच की अवधि अप्रैल 2010 से मई 2010 तक थी।
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनी ने मई 2010 में एक करोड़ डॉलर की राशि के 15.38 लाख जीडीआर जारी किए।
सेबी ने पाया कि पंचारिया हर चरण में हिरन की जीडीआर प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल प्रमुख व्यक्ति थे। उन्होंने फर्जी तरीके से जीडीआर की सदस्यता लेकर ऋण प्राप्त करके, कर्ज चुकाने, जीडीआर को इक्विटी शेयरों में बदलने और बाद में परिवर्तित शेयरों को बेचने में भारतीय प्रतिभूति बाजार में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की।
भाषा अनुराग रमण
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