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Tuesday, 17 December, 2024
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12 दिन, 41 मजदूर, 19 एजेंसिया: कब निकलेंगे सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूर

12 नवंबर को सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के कारण 41 मजदूर फंस गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन फंसे मजदूरों को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी से लगातार बातचीत कर रहे हैं. 

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उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने  का काम एकबार फिर से शुरू हो चुका है. उम्मीद की जा रही है कि आज शाम तक मजदूर बाहर निकाले जा सकेंगे. मजदूरों को निकाले जाने को लेकर हादसे वाले स्थल पर एनडीआरएफ के जवान मॉक ड्रिल भी कर रही है.

बता दें कि 12 नवंबर को सुरंग का हिस्सा ढहने से करीब 41 मजदूर फंसे हुए हैं.

एनडीआरएफ हॉरिजेंटल पाइप के दूसरी तरफ पहुंचने पर सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए पाइपलाइन के माध्यम से पहिएदार स्ट्रेचर की आवाजाही की तैयारी कर रही है.

उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, “अभी स्थिति काफी ठीक है. कल रात हमें दो चीज़ों पर काम करना था. सबसे पहले, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म का फिर से निर्माण किया और इसके बाद पाइप पर जो थोड़ा दबाव था उसे काटने का काम चल रहा है ये पूरा हो जाने के बाद हम ऑगर ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू करेंगे.”

खुल्बे ने कहा, “पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार से जो अध्ययन किया है उसे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई धातु अवरोध नहीं है. इसका मतलब है कि हमारी ड्रिलिंग सुचारू होनी चाहिए.”

पीएम ने पूछा हाल-चाल

वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकबार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन किया है. प्रधानमंत्री ने सिल्क्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी लेते हुए मुख्यमंत्री को कुछ जरूरी निर्देश भी दिए हैं. यही नहीं पीएम ने कहा, ” मजदूरों को बचाने में किसी तरह की कोई कमी नहीं रहनी चाहिए.”

उन्होंने बचाव कार्य की प्रगति के बारे में भी पूछा. साथ ही मुख्यमंत्री से पूछा कि यदि किसी अन्य सहयोग की ज़रूरत है तो उसके बारे में भी बताएं. साथ ही श्रमिकों के परिजनों के बारे में भी जानकारी ली. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सभी श्रमिक बाहर निकलेंगे तो उनके स्वास्थ्य जांच और यदि ज़रूरत पड़ती है तो हॉस्पिटल और उन्हें घर भेजने की बेहतर व्यवस्था की जाए.

दरारों को ठीक करने के लिए साथ ही कंक्रीट को मजबूत बनाने के लिए एक्सेलेरेटिंग एजेंट का उपयोग करके ऑगर मशीन के प्लेटफॉर्म को मजबूत किया जा रहा है. मुड़े हुए पाइप को काटने के लिए वेल्डर की टीम पाइप के अंदर गई है. मुड़े हुए पाइप को काटने का काम जारी है. इसके तुरंत बाद ऑगर का पुन: संयोजन शुरू किया जाएगा.

बृहस्पतिवार देर रात सुरंग के मलबे के बीच से पाइप डालने के काम को रोकना पड़ा क्योंकि जिस प्लेटफॉर्म पर ड्रिलिंग मशीन टिकी हुई है उसमें दरारें दिखाई दीं. इसके बाद ड्रिलिंग रोक दी गई थी. ड्रिलिंग का काम शुक्रवार को सुबह भी प्रारंभ नहीं हो सका.

प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुलबे ने सिलक्यारा में पत्रकारों से कहा कि मशीन के प्लेटफार्म को ठीक कर लिया गया है, साथ ही उसे मजबूत भी किया गया है. ‘ऑगर’ मशीन के जरिए मलबे के बीच से पाइप डालने का काम लगभग 11.30 बजे शुरू हो गया है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अभी 12-14 मीटर और जाना है. मुझे उम्मीद है कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो शुक्रवार शाम तक अभियान समाप्त हो सकता है.’’


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खाना- नाश्ता भी पहुंचाया गया

वहीं सुरंग में फंसे मजदूरों को सुबह नाश्ते में दूध, ब्रेड और चने भेजे गए. इससे पहले बृहस्पतिवार को नाश्ते में उपमा तथा लंच में दाल-भात भेजा गया था. एक विशेष टीम ने उनके खान-पान का ध्यान रख रही है. बता दें कि 12 नवंबर को सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के कारण 41 मजदूर फंस गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन फंसे मजदूरों को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी से बातचीत कर रहे हैं.

बता दें कि पिछले तीन दिनों से मजदूर कभी सुबह निकल जाएंगे कभी शाम..इस तरह के बयान एजेंसियों द्वारा दिया जा रहा है. 19 नवंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि जिस तेजी से काम चल रहा है मजदूर दो से ढाई दिन में बाहर आ जाएंगे. लेकिन वो डेडलाइन खत्म हुए भी दो दिन से अधिक समय बीत चुका है और मजदूरों को कल देर शाम निकाले जाने की उम्मीद थी लेकिन अभी तक निकाले नहीं जा सके हैं. अधिकारियों को उम्मीद है कि आज अगर सब कुछ ठीक ठाक चलता रहा तो देर शाम निकाले जा सकेंगे.

केंद्र व राज्य सरकार की 19 एजेंसियां

बता दें कि सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने और रेस्क्यू ऑपरेशन में केंद्र और राज्य सरकार की 19 एजेंसियां जुटी हुई हैं. चारधाम महामार्ग परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग में हादसे के तुरंत बाद सुरंग निर्माण करवा रही ऑर्गेनाइजेशन एनएचआईडीसीएल, जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस व होमगार्ड्स की टीम मौके पर पहुंची थी. फिलहाल एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मॉक ड्रिल कर रही है. हालांकि रेस्क्यू ऑपरेशन लंबा खिंचने की बड़ी वजह तकनीकी कारण रहे हैं. जिसकी वजर से केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ साथ नेता भी घटना स्थल पर पहुंच गए हैं. केंद्रीय एजेंसी में भारतीय सेना, डीआरडीओ, परिवहन मंत्रालय सहित कई और शामिल हैं.


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