अलवर: राजस्थान की अलवर ग्रामीण सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रही 46 वर्षीय मीना कुमारी चुनाव जीतने के मकसद से मैदान में नहीं उतरीं हैं बल्कि अपने पिता, भाजपा उम्मीदवार और पूर्व विधायक जयराम जाटव को हराने के लिए मैदान में हैं.
प्रचार अभियान के दौरान दिप्रिंट से बात करते हुए, कुमारी ने कहा कि उन्हें अपने पिता के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए ‘रसोई से बाहर आने के लिए मजबूर होना पड़ा’ क्योंकि अपने जन्म के बाद से ही अपने पिता के ‘दुर्व्यवहार’ का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने जाटव को एक “अंधविश्वासी व्यक्ति” बताया, और यह भी बताया कि वह उन्हें परिवार में “दुर्भाग्य” लाने वाला कह कर “प्रताड़ित” करते थे.
प्रचार अभियान के दौरान उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान खराब हो चुकी आवाज में कहा, “वह बहुत अंधविश्वासी हैं.” उन्होंने आगे कहा, “मैं इसलिए चुनाव लड़ रही हूं क्योंकि वह अपनी बेटी का सम्मान नहीं करते हैं. तो, वह दूसरों की बेटियों का सम्मान कैसे करेंगे?”
उन्होंने मोदी सरकार के अभियान का जिक्र करते हुए कहा, “वे कहते हैं ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’.” “ऐसे कैसे आगे बढ़ेंगी बेटियां?”
कुमारी के अभियान को उनके पति तारा चंद का समर्थन प्राप्त है, जो वोट मांगने के लिए बाहर जाते समय उनके साथ रहते हैं.
इस बीच, जाटव ने कहा कि उनकी बेटी चुनाव में शायद ही कोई अहम भूमिका निभाएंगी, उन्होंने कहा कि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के टीकाराम जूली हैं, जो फिलहाल उस सीट पर मौजूद हैं.
जाटव जिन्होंने 2013 में भाजपा के टिकट पर सीट जीती थी, लेकिन 2018 में पार्टी द्वारा उन्हें नामांकित नहीं किया गया था, ने कहा- कुमारी भले ही वोट काटने के लिए मैदान में हैं, लेकिन ऐसा करने में सफल नहीं हो सकेंगी.
उनके अभियान के पीछे “कांग्रेस की चाल” का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस उम्मीदवार पिछले छह महीने से फंडिंग और लालच के जरिए (उन्हें बढ़ावा देने के लिए) यह कोशिश कर रहे हैं.”
अपने घर में बने ऑफिस में भगवान राम की एक बड़ी मूर्ति के सामने बैठे जाटव ने कहा, “लेकिन लोगों के बीच कोई धारणा नहीं है.” “यह (भाजपा और कांग्रेस के बीच) सीधा मुकाबला है.”
अलवर ग्रामीण अनुसूचित जाति (एससी) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. अलवर जिले में 11 विधानसभा सीटें हैं जहां अनुसूचित जाति की आबादी 18 प्रतिशत है.
2018 में, कांग्रेस ने इनमें से पांच सीटें जीतीं और भाजपा, बसपा और निर्दलीय ने दो-दो सीटें जीतीं.
राजस्थान विधानसभा चुनाव शनिवार को एक ही चरण में होने वाला है.
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‘खून के आंसूं’
कुमारी के पति की ओर से परिवार के एक सदस्य ने पहचान बताने से इनकार करते हुए कहा कि उनका बचपन बहुत कठिन था.
परिवार के सदस्य ने कहा, “जाटव का पहला बेटा जन्म के तुरंत बाद मर गया. उसके बाद कुमारी का जन्म हुआ. किसी ने उन्हें (जाटव को) बताया कि बेटी अपने साथ दुर्भाग्य लेकर आई है और यही उनके बेटे की मौत का कारण बनी.” “तब से, उसके साथ जाटव की दूसरी बेटियों और बेटों को जैसा परिवार में हक और प्यार मिला वैसा नहीं किया गया. ”
अक्टूबर में, कुमारी कथित तौर पर जयपुर में भाजपा मुख्यालय के बाहर अपने भाई के साथ विवाद में शामिल थीं, जब उन्होंने कथित तौर पर उसके बेटे के साथ मारपीट की थी, जब वह उसके समर्थन में पोस्टर लगा रहा था. वह उस समय भाजपा से नामांकन के लिए प्रयास कर रही थीं.
कुमारी ने दिप्रिंट को बताया, ”शुरू से ही उनका (जाटव का) रिश्ता मेरे साथ ऐसा ही रहा है.” “उन्होंने मुझे बार-बार प्रताड़ित किया, कभी-कभी रिश्तेदारों के माध्यम से भी, सभी का मेरे प्रति यही व्यवहार रहा है.”
उन्होंने कहा कि वह ”खून के आंसू लेकर” जनता के बीच जा रही हैं. उन्होंने कहा, “मैं राजनीति में इसलिए आई हूं क्योंकि मेरे पिता मेरी बात नहीं सुनते, लेकिन उम्मीद है कि लोग सुनेंगे.”
उन्होंने कहा, अभियान के माध्यम से, जाटव ने “विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए भेजा था”.
उन्होंने कहा, “अगर वह एक बार भी मेरे पास आते तो मैं चुनाव लड़ने के अपने फैसले पर पुनर्विचार कर लेती.”
‘उनका मकसद वोट काटना है’
जब जाटव ने 2013 में अलवर ग्रामीण से चुनाव लड़ा, तो कुमारी की इच्छा नहीं थी उनके लिए वोट मांगने की लेकिन वो अनिच्छा के बाद, उनके लिए वोट मांगने के लिए अपने पिता के पास चली गईं. उन्होंने चुनाव में जूली को 26,799 वोटों से हराया था.
उन्होंने कहा, इस बार वह 50,000 से अधिक वोटों से चुनाव जीतेंगे.
उन्होंने कहा, “मैं पूरे समय लोगों से जुड़ा रहा हूं. जातीय समीकरण है. यह एक अनोखा निर्वाचन क्षेत्र है जहां मुसलमान भी मुझे वोट देने के लिए तैयार हैं.” भाजपा नेता ने कहा, “भाजपा ने एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है इसलिए उन्हें नाराज होना चाहिए. लेकिन वे यहां मुझे वोट दे रहे हैं”
उन्होंने कहा कि कुमारी की चुनाव में स्थिति अच्छी नहीं हैं. “उनका मकसद वोट काटना है. वे [भाजपा से] मेरे टिकट के लिए भी एक मुद्दा बनाना चाहती थीं.”
उनका संदेह है कि उनका नामांकन उनके प्रतिद्वंद्वी का डिज़ाइन है, जो उनके समर्थकों के बीच आवाज बन रहा है.
अलवर ग्रामीण के भाजपा कार्यकर्ता तुलसीराम ने कहा, “उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार टीकाराम जूली ने सक्रिय किया था. वह नहीं चाहते थे कि जयराम जाटव को टिकट मिले.”
उन्होंने सोचा, जब मीना तस्वीर में आएंगे तो पार्टी उन्हें टिकट नहीं देगी.” “जनता जानती है कि कोई भी मीना को वोट नहीं देगा.”
जाटव के घर के बाहर खड़े एक अन्य समर्थक ने कहा कि मीना कुमारी को “100 वोट भी नहीं मिलेंगे”.
(अनुवाद: पूजा मेहरोत्रा)
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