(कोमल पंचमाटिया)
मुंबई, 22 नवंबर (भाषा) फिल्मकार मेघना गुलजार का कहना है कि जब भी उन्हें अपने पिता, प्रख्यात कवि एवं गीतकार गुलजार के साथ काम करने का मौका मिलता है तो वह उनकी बेटी होने का ‘‘सही ढंग से’’ फायदा उठाती हैं।
मेघना को ‘फिलहाल’, ‘तलवार’, ‘राजी’ और ‘छपाक’ जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है। मेघना की आगामी फिल्म ‘सैम बहादुर’ के गीत भी उनके पिता गुलजार ने ही लिखे हैं।
मेघना की फिल्म ‘सैम बहादुर’ भारतीय सेना के फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के जीवन पर आधारित है। फिल्म में अभिनेता विक्की कौशल मानेकशॉ के किरदार में नजर आएंगे। यह फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होगी।
मेघना गुलजार ने पीटीआई-भाषा को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘जब वह मेरी फिल्म के गाने लिखते हैं तो पूरे हक के साथ मैं उनकी बेटी होने का फायदा उठाती हूं। अगर मुझे गाने की कोई लाइन पसंद नहीं आती तो मैं उनसे कहती हूं, अभी दूसरी लाइन लिख दीजिए, अभी गाना चाहिए, अभी पूरा करना है। उतना तो हक है, उतना तो लुंगी।’’
गुलजार ने मेघना की फिल्म के लिए कई लोकप्रिय एवं यादगार गाने लिखे हैं, जिनमें ‘फिलहाल’ के शीर्षक गीत के अलावा ‘राजी’ का ”ऐ वतन” और ”दिलबरों” जैसे गाने हैं।
अभिनेता विक्की कौशल ने पिता-पुत्री की इस जोड़ी के साथ काम करने के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि दोनों के बीच की नोक-झोंक ‘सबसे प्यारी और सबसे मनोरंजक चीज’ है।
विक्की कौशल ने कहा, ‘‘यह ऐसा है जैसे रोजर फेडरर और राफेल नडाल एक दूसरे के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ खेल खेल रहे हैं। गुलजार साहब और मेघना के बीच यह पल देखकर मैं धन्य हो गया।
गुलजार साहब मुझसे कहते थे, ‘क्या करूं बेटा ये निर्देशक प्रभावित ही नहीं होती’। मैं कहता था, ‘बेटी किसकी है’।’’
मेघना ने कहा कि वह अपनी पसंद के गीत पाने के लिए पिता-बेटी के रिश्ते का फायदा उठा सकती हैं, लेकिन उनमें कड़ी मेहनत की भावना को जगाने में कवि-गीतकार-निर्देशक गुलजार का बड़ा प्रभाव रहा है।
भाषा रवि कांत रंजन
रंजन
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.