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Tuesday, 5 November, 2024
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‘दोनों देशों का ध्यान अंतरराष्ट्रीय शांति-सुरक्षा पर’, भारत और अमेरिका ने की 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता

‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने किया.

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नई दिल्ली: भारत और अमेरिका ने रक्षा उद्योगों के क्षेत्र में संबंध और मजबूत कर अपनी वैश्विक रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने, हिंद-प्रशांत में भागीदारी बढ़ाने और महत्वपूर्ण खनिजों एवं उच्च-प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को व्यापक विचार-विमर्श किया.

‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने किया. भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया.

जयशंकर ने टेलीविजन पर प्रसारित कार्यक्रम में कहा, “आज की हमारी बातचीत एक भविष्योन्मुखी साझेदारी और एक साझा वैश्विक एजेंडा बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का अवसर होगी.”

उन्होंने कहा, “हम अहम प्रौद्योगिकियों, असैन्य बाह्य अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत और अमेरिका ने ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता की.”

ब्लिंकन ने अपने बयान में कहा कि दोनों पक्ष ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) के माध्यम से भारत और अमेरिका की साझेदारी को मजबूत करके समृद्ध, सुरक्षित और लचीले हिंद-प्रशांत को बढ़ावा दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों का ध्यान अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत करने और विशेष रूप से नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता एवं स्वतंत्रता के सिद्धांतों को बनाए रखने पर केंद्रित है.

सिंह ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रणनीतिक एवं रक्षा सहयोग बढ़ा है. उन्होंने कहा, “रक्षा सहयोग हमारे द्विपक्षीय संबंधों के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है.’’

सिंह ने कहा, ‘‘हम क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में अमेरिका के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं.’’

अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने कहा कि तत्काल चुनौतियों के मद्देनजर यह पहले से भी कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रिक देश विचारों का आदान-प्रदान करें, साझा लक्ष्य तलाशें और ‘‘हमारे लोगों के लिए काम करें.’’

उन्होंने कहा, ‘‘लगातार मजबूत होते हमारे संबंध इस साझेदारी के भविष्य और अधिक सुरक्षित दुनिया की दिशा में हमारे साझा प्रयासों को लेकर पूरी उम्मीद जगाते हैं.’’

विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका के उनके समकक्ष एंटनी ब्लिंकन ने हमास-इजराइल युद्ध के कारण पैदा हो रही स्थिति और भारत एवं अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर शुक्रवार को सुबह वार्ता की.जयशंकर और ब्लिंकन के बीच यह बैठक भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ रक्षा एवं विदेश मंत्रिस्तरीय वार्ता के पांचवें संस्करण से पहले हुई.

जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक पोस्ट में अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ बातचीत को ‘‘खुली और उपयोगी’’ बताया.

उन्होंने कहा, ‘‘विदेश मंत्री ब्लिंकन से आज सुबह मुलाकात करके अच्छा लगा. हमारी रणनीतिक साझेदारी को और विकसित करने पर खुली एवं उपयोगी वार्ता हुई. हमने पश्चिम एशिया, हिंद-प्रशांत और अन्य क्षेत्रीय मामलों पर भी बात की.’’

अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन पिछले माह शुरू हुए इजराइल-हमास युद्ध के कारण कुछ सप्ताह से राजनयिक रूप से बेहद व्यस्त रहे हैं.

ब्लिंकन और अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय वार्ता में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में हैं. इस वार्ता का उद्देश्य गहन रणनीतिक सहयोग के लिए भारत और अमेरिका के संबंधों के भविष्य के खाके को आगे बढ़ाना है.

वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जयशंकर करेंगे.

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘टू प्लस टू’ वार्ता और राजनाथ एवं ऑस्टिन के बीच होने वाली द्विपक्षीय बैठक में रणनीतिक, रक्षा तथा प्रौद्योगिकी संबंधी कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है.

विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘टू प्लस टू’ संवाद के जरिये रक्षा और सुरक्षा सहयोग, प्रौद्योगिकी मूल्य शृंखला सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर संबंधों में प्रगति की उच्चस्तरीय समीक्षा हो सकेगी.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मंत्रियों को इस साल जून और सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा अपनी चर्चाओं में परिकल्पित भारत-अमेरिका साझेदारी के भविष्य के खाके को आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा.’’

बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष समसामयिक क्षेत्रीय मुद्दों का भी जायजा लेंगे और बहुपक्षीय मंच तथा क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) जैसे ढांचे के माध्यम से सहयोग बढ़ाने के लिए साझा प्राथमिकताओं के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.


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