नई दिल्ली: आचार समिति ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करने वाली मसौदा रिपोर्ट को 6-4 वोट से स्वीकार कर लिया है.
कांग्रेस की प्रणीत कौर ने रिपोर्ट के पक्ष में वोट किया. 4 अन्य विपक्षी सांसदों ने असहमति नोट प्रस्तुत किया.
महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों की जांच कर रही संसदीय आचार समिति ने संसद से उनके निष्कासन की सिफारिश को मंजूरी दे दी. सूत्रों ने कहा कि छह सदस्यों ने सिफारिश के पक्ष में और चार ने इसके खिलाफ मतदान किया.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘कैश फॉर क्वेरी’ के आरोपों पर एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा, “महुआ मोइत्रा के खिलाफ आरोपों पर एथिक्स कमेटी ने एक रिपोर्ट तैयार की थी. रिपोर्ट आज की बैठक में तैयार की गई है. छह सदस्यों ने इसका समर्थन किया. रिपोर्ट पर चार सदस्यों ने असहमति नोट प्रस्तुत किया, लेकिन एक विस्तृत रिपोर्ट कल लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी जा रही है. इसके बाद कार्रवाई, जो भी होगी, अध्यक्ष द्वारा की जाएगी.”
सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि समिति ने अपनी मसौदा रिपोर्ट में मोइत्रा पर ‘अनैतिक आचरण’ में शामिल होने और अनधिकृत व्यक्तियों के साथ अपना आईडी लॉगिन और पासवर्ड साझा करने का आरोप लगाया.
सूत्रों ने कहा, “सभी विपक्षी सांसदों के लिए असहमति नोट प्रस्तुत करने का एक सामान्य आधार यह है कि जांच निष्पक्ष नहीं है. उन्होंने कहा है कि सभी मामलों में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए दर्शन हीरानंदानी को समिति द्वारा बुलाया जाना चाहिए था.”
सूत्रों के अनुसार, महुआ मोइत्रा के कैश-फॉर-क्वेश्चन मामले पर मसौदा रिपोर्ट से पता चलता है कि उन्होंने 2019 से 2023 तक चार बार यूएई का दौरा किया, जबकि उनके लॉगिन को कई बार एक्सेस किया गया था.
एथिक्स कमेटी की मसौदा रिपोर्ट के अनुसार, “47 मौकों पर, उसके सदस्य पोर्टल लॉगिन क्रेडेंशियल दुबई से एक्सेस किए गए थे.”
बता दें कि मसौदा रिपोर्ट लगभग 500 पृष्ठों की है. इससे पहले आज, महुआ मोइत्रा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर सदन के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया और दावा किया कि नैतिकता पर लोकसभा समिति की मसौदा रिपोर्ट एक समाचार चैनल द्वारा देखी गई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि चूंकि मीडिया हाउस का स्वामित्व अडाणी समूह के पास है, इसलिए यह कॉर्पोरेट धोखाधड़ी और नियमों के उल्लंघन का मामला है.
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