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Sunday, 24 November, 2024
होमदेशकेंद्र ने कॉलेजियम की सिफारिश को दी मंजूरी, 3 हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनेंगे सुप्रीम कोर्ट के जज

केंद्र ने कॉलेजियम की सिफारिश को दी मंजूरी, 3 हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनेंगे सुप्रीम कोर्ट के जज

इन नामों में दिल्ली उच्च न्यायालय, राजस्थान उच्च न्यायालय और गौवाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीशों के नाम शामिल हैं.

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नई दिल्ली : कानून और न्याय मंत्रालय ने विभिन्न हाईकोर्ट के तीन न्यायमूर्ति को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किए जाने को मंजूरी दे दी है.

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए तीन नए न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की थी.

सुप्रीम कोर्ट प्रशासनिक ब्रांच के एक सर्कुलर के अनुसार, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा, न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, मुख्य न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय; और न्यायमूर्ति संदीप मेहता मुख्य न्यायाधीश, गौवाटी उच्च न्यायालय का शपथ ग्रहण समारोह; भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में, 9 नवंबर को शाम 4.15 बजे सुप्रीम कोर्ट के परिसर के सभागार में आयोजित होने का प्रस्ताव है.

वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए, 48 घंटे में तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की सिफारिश को स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.

दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा, राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संदीप मेहता को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर केंद्र से पदोन्नत करने की सिफारिश की गई थी.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत वाले कॉलेजियम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामलों का भारी बैकलॉग है और मामलों की लगातार बढ़ती पेंडेंसी को देखते हुए, कार्यभार को लेकर न्यायाधीशों के संख्या में काफी वृद्धि हुई है.

भारत के सर्वोच्च न्यायालय में 34 न्यायाधीशों की संख्या स्वीकृत है और वर्तमान में यह 31 न्यायाधीशों के साथ कार्य कर रहा है.

सिफारिश में कहा गया है, “सुप्रीम कोर्ट में मामलों का भारी बैकलॉग है. लंबित मामलों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए, न्यायाधीशों का कार्यभार काफी बढ़ गया है. इसे ध्यान में रखते हुए, यह सुनिश्चित करना आवश्यक हो गया है कि न्यायालय में न्यायाधीशों की पूरी क्षमता हो, किसी भी जगह पर कोई कोई रिक्त पद नहीं छोड़ना है. इसको ध्यान में रखते हुए, कॉलेजियम ने नामों की सिफारिश करके सभी तीन मौजूदा रिक्तियों को भरने का फैसला लिया है.”

इसमें कहा गया है कि कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए पात्र उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और वरिष्ठ न्यायाधीशों के नामों पर विचार-विमर्श किया.


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