कोलकाता: एग्जिट पोल के मुताबिक पश्चिम बंगाल में भाजपा सेंध लगा सकती है. टीवी9 – सी-वोटर के साथ किए अपने सर्वे में बताया है कि बंगाल में दीदी के गढ़ में बीजेपी ने लगाई सेंध, बीजेपी को 11 सीटें और टीएमसी को 29 सीटें मिलने का अनुमान. वहीं एनडीटीवी के पोल्स ऑफ पोल्स के मुताबिक पश्चिम बंगाल में बीजेपी को मिल सकती हैं 14 सीटें, कांग्रेस को केवल 2 सीटें मिलने का अनुमान.
टाइम्स नाउ और वीवीआर के एग्ज़िट पोल के अनुसार पश्चिम बंगाल में बीजेपी को 9 सीटों का फायदा हो सकता है और कांग्रेस को 2 सीटों नुकसान. वहीं ममता बनर्जी को 6 सीटों पर झटका लग सकता है. बीजेपी पश्चिम बंगाल में 11, कांग्रेस को 2 सीटें और 6 सीटों के नुकसान के साथ तृणमूल कांग्रेस को 28 सीट मिल सकती है. वहीं लेफ्ट फ्रंट एक सीट पर सिमट सकता है.
इसी बीच लगभग सभी एग्जिट पोल्स ने पीएम मोदी की वापसी तय बताई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन सभी पोल्स को मानने से इनकार कर दिया है.
ममता ने किया सिरे से खारिज
ममता दीदी ने तमाम नतीजों को खारिज करते हुए ट्वीट किया कि ‘मैं एग्जिट पोल गॉसिप में भरोसा नहीं करती. इस गॉसिप के जरिए हजारों ईवीएम में हेरफेर करने या बदलने का गेम प्लान है. मैं सभी विपक्षी दलों से एकजुट, मजबूत और निर्भीक होने की अपील करती हूं. हम इस लड़ाई को मिलकर लड़ेंगे.’
I don’t trust Exit Poll gossip. The game plan is to manipulate or replace thousands of EVMs through this gossip. I appeal to all Opposition parties to be united, strong and bold. We will fight this battle together
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 19, 2019
क्या थे 2014 में समीकरण
2014 में पूरे देश में मोदी लहर के बावजूद तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में मौजूद 42 सीटों में से 34 सीटों पर अपना परचम लहराया था. भाजपा को पश्चिम बंगाल में सिर्फ दो सीटें ही हासिल हो सकी थीं, दो सीटें लेफ्ट को और चार कांग्रेस को हासिल हुईं थी. इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस को ज़ोरदार टक्कर दी है. पश्चिम बंगाल में भाजपा ने 23 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है लेकिन ममता बनर्जी की कोशिश है कि उन्हें एक भी सीट नहीं मिले.
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लोकसभा की 42 सीटों वाला राज्य बंगाल भाजपा के लिए साख का विषय है. वहीं ममता बनर्जी को अपनी ज़मीन को बचाना है. 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए अग्नि परीक्षा के समान है. भाजपा हमेशा से बंगाल की मुख्यधारा की राजनीति से अलग रही है लेकिन 2014 की मोदी लहर के दौरान भाजपा को 17 प्रतिशत वोट मिले थे. इस बार प्रचार अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के बीच तल्ख बयानबाज़ी देखने को मिली. हाल ही में ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़ने के मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया.
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भाजपा को यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में 2014 जैसा परिणाम न मिलने की रिपोर्टों के बाद भाजपा ने पश्चिम बंगाल में पूरी ताकत झोंक दी थी. बंगाल की राजनीति में भाजपा दूसरे नंबर के दल के रूप में उभरना चाहती है और उसका वोटशेयर राज्य में बढ़ रहा है. और भाजपा के राज्य में पैठ के साथ वाम दलों के क्षरण का ग्राफ दिखाई दे रहा है. ममता बनर्जी ने स्वयं को विपक्ष की कद्दावर नेता के रूप में पेश करने के लिए सभी दलों के नेताओं के साथ ब्रिगेड मैदान में अपनी ताकत भी दिखाई थी.