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Friday, 18 October, 2024
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केजरीवाल को समन भेजने के पीछे राजनीतिक षड्यंत्र है : ‘आप’

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नयी दिल्ली, दो नवंबर (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी किए गए समन के पीछे एक ‘‘राजनीतिक षड्यंत्र’’ है और विपक्ष के नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष बृहस्पतिवार को पेश नहीं हुए। उन्होंने जांच एजेंसी को पत्र लिखकर मांग की कि उन्हें भेजा गया नोटिस वापस लिया जाए। उन्होंने दावा किया कि यह नोटिस ‘‘गैरकानूनी एवं राजनीति से प्रेरित’’ है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ईडी द्वारा अब उन्हें नया समन जारी किए जाने की संभावना है। इससे पहले दिन में ‘आप’ से जुड़े सूत्रों ने कहा था कि केजरीवाल मध्य प्रदेश के सिंगरौली जाएंगे जहां वह पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ एक रोडशो में हिस्सा लेंगे।

‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘दिल्ली के मुख्यमंत्री से आज ईडी के सामने पेश होने को कहा गया। उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर कहा कि समन में यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें किस हैसियत से बुलाया जा रहा है– एक गवाह के रूप में या एक संदिग्ध के रूप में, एक व्यक्ति के तौर पर उनकी हैसियत के रूप में, मुख्यमंत्री के रूप में या ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में…।’’

दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री भारद्वाज ने कहा, ‘‘भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने एक समाचार एजेंसी से साक्षात्कार में यह कैसे कहा कि केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाएगा? इसका मतलब है कि यह एक राजनीतिक साजिश है। पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं और राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते केजरीवाल को प्रचार के लिए जाना है।’’

भारद्वाज ने आरोप लगाया कि यह भाजपा का एक ‘‘राजनीतिक षड्यंत्र’’ है और वह विपक्षी दलों के नेताओं को निशाना बना रही है।

‘आप’ ने आरोप लगाया था कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’) के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने की भाजपा की साजिश के तहत गिरफ्तार किए जाने वाले पहले व्यक्ति केजरीवाल होंगे और ईडी के समन उस पार्टी को खत्म करने का एक प्रयास हैं जो दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है।

केजरीवाल की पार्टी के सहयोगी मनीष सिसोदिया और संजय सिंह दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।

आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति से गुटबंदी को बढ़ावा मिला और इसे उन कुछ डीलर को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया था जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। ‘आप’ ने इस आरोप का बार-बार खंडन किया है।

बाद में नीति को रद्द कर दिया गया और दिल्ली के उपराज्यपाल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की सिफारिश की, जिसके बाद ईडी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया।

भाषा

सिम्मी नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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