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Sunday, 29 September, 2024
होम50 शब्दों में मतगुजरात HC को जज के गुस्से की क्लिप नहीं हटानी चाहिए, पारदर्शिता सशर्त नहीं हो सकती

गुजरात HC को जज के गुस्से की क्लिप नहीं हटानी चाहिए, पारदर्शिता सशर्त नहीं हो सकती

दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया.

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जब सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग को संस्थागत बनाया, तो उसके दिमाग में पूरी पारदर्शिता थी. गुजरात हाई कोर्ट ने यूट्यूब से एक जज द्वारा अपने साथी जज पर गुस्सा जाहिर करने और बाद में माफी मांगने की क्लिप हटाने के लिए कहा है. पूरा भरोसा पूर्ण प्रकटीकरण के साथ आता है. शर्तों के साथ पारदर्शिता नहीं आ सकती.

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