नई दिल्ली: बीजेपी ने रविवार को अपने विधायक टी राजा सिंह का निलंबन रद्द कर दिया. दिप्रिंट को पता चला है कि पार्टी उन्हें 30 नवंबर को होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव में गोशामहल सीट से मैदान में उतार सकती है.
विवादास्पद विधायक को पैगंबर मुहम्मद पर उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर पिछले साल बीजेपी द्वारा निलंबित कर दिया गया था और तेलंगाना पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक, तेलंगाना बीजेपी उन्हें उसी सीट से मैदान में उतारने पर विचार कर रही है. सिंह 2018 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अकेले जीतने वाले बीजेपी उम्मीदवार थे.
रविवार को, पार्टी की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि बीजेपी अनुशासन समिति ने “पार्टी द्वारा दिए गए कारण बताओ नोटिस के जवाब में उनके स्पष्टीकरण पर उचित विचार करने के बाद” टी राजा का निलंबन रद्द कर दिया था.
एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने दिप्रिंट को बताया, “गोशामहल ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रतिनिधित्व वाले निर्वाचन क्षेत्रों से घिरा हुआ है और राजा ने लगातार AIMIM पर हमला किया है. उनकी हिंदुत्व साख पूरे देश में जानी जाती है. उनकी उम्मीदवारी से कम से कम हैदराबाद की आसपास की कुछ सीटों पर चुनाव में ध्रुवीकरण होगा. शुक्रवार को कोर ग्रुप की बैठक में उनके निलंबन को रद्द करने पर चर्चा की गई.”
टी राजा के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से ज्यादातर नफरत फैलाने वाले भाषण के लिए हैं. इस साल जनवरी में उन्होंने कथित तौर पर हिंदुओं से मुस्लिम समुदाय के सदस्यों द्वारा संचालित दुकानों से सामान का बहिष्कार करने का आग्रह किया था. इसे लेकर मार्च में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी.
जुलाई में पूर्व लोकसभा सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेता एम.विजयशांति ने पार्टी नेतृत्व से टी राजा का निलंबन हटाने का आग्रह किया था. पार्टी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि यहां तक कि तेलंगाना बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष बंदी संजय ने भी पार्टी आलाकमान से टी राजा के पक्ष में फैसला लेने का अनुरोध किया था.
पिछले साल, उन्हें एक यूट्यूब वीडियो में मुस्लिम स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी पर कटाक्ष करते हुए मुस्लिम समुदाय और पैगंबर के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
2020 में, फेसबुक ने नफरत फैलाने वाले भाषण पर अपनी नीति का उल्लंघन करने के लिए उन पर प्रतिबंध लगा दिया.
पिछले महीने राजा सिंह तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन पर अपनी टिप्पणी को लेकर मौखिक हमले के लिए चर्चा में थे. स्टालिन ने कहा था कि सनातन (धर्म) “सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ” है, इसका “कोरोना, मलेरिया, डेंगू” की तरह “उन्मूलन” किया जाना चाहिए.
राजा ने कहा कि हिंदुत्व अनुयायियों को यह तय करना चाहिए कि क्या वे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि को “उसे चुनाव में हराकर या उस पर लाट और घूंसों (लात और घूंसों) से शारीरिक हमला करके” सबक सिखाएंगे.
निलंबित विधायक ने इस साल दक्षिणपंथी संगठन सकल हिंदू समाज मोर्चा द्वारा आयोजित कई रैलियों में भी भाग लिया था.
मार्च में, महाराष्ट्र के दादर में पुलिस ने उन पर एक ऐसी रैली में दिए गए कथित नफरत भरे भाषण के लिए मामला दर्ज किया था, जिसमें उन्होंने धार्मिक रूपांतरण के खिलाफ कानून की मांग की थी और कथित तौर पर मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का आह्वान किया था.
उसी महीने उन पर श्रीरामपुर में एक अन्य भाषण के लिए भी मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि यदि अल्पसंख्यक समुदाय का कोई भी सदस्य “लव जिहाद” में शामिल पाया गया, तो वह “उन्हें टुकड़े-टुकड़े कर देंगे”.
इसी रैली में उन्होंने कहा कि हिंदू और मुस्लिम कभी भाई-भाई नहीं हो सकते. उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया गया, “छत्रपति शिवाजी और औरंगजेब भाई नहीं थे, न ही वीर महाराणा प्रताप और अकबर थे.”
बाद में औरंगाबाद में, उन्होंने “लव जिहाद” को बढ़ावा देने वाले लोगों पर हमले का आह्वान किया.
उन्होंने कथित तौर पर मार्च में आयोजित एक रैली में कहा था, “लव जिहाद को रोकना चाहते हैं, उन्हें गोली मार देना चाहते हैं, जब भी आपको उनके बारे में पता चले तो अपनी टीम ले जाएं. सबसे पहले, प्रशासन से मदद के लिए अनुरोध करें और यदि वे मदद नहीं करते हैं, तो उन लोगों पर काम पूरा करें जिनका पहले से ही आधा हिस्सा काट दिया गया है (खतना किया गया है).”
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बीजेपी ने राजा को क्यों किया सस्पेंड?
46 वर्षीय राजा ने 2009 में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम पार्षद के रूप में तेलुगु देशम पार्टी के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया. 2014 में आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के अलग होने के बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए और हैदराबाद के पुराने शहर में गोशामहल निर्वाचन क्षेत्र के विधायक बन गए.
हैदराबाद पुलिस ने उसे “आदतन अपराधी के रूप में वर्णित किया है जो उत्तेजक और भड़काऊ भाषण देता है, सार्वजनिक अव्यवस्था पैदा करता है और समुदायों के बीच दरार पैदा करता है”.
अगस्त 2022 में हैदराबाद पुलिस ने यूट्यूब पर ‘फारुकी के आका इतिहास सुनिये’ शीर्षक से एक कथित आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के बाद, राजा को प्रिवेंटिव डिटेंशन एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था.
पुलिस ने दावा किया कि वीडियो “मुसलमानों द्वारा पूजनीय” पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ था और समाज के सभी वर्गों को भड़काने और “इस तरह शांति और सार्वजनिक शांति भंग करने” के इरादे से पोस्ट किया गया था.
हालांकि वीडियो हटा दिया गया, लेकिन पुराने शहर के मुस्लिम-बहुल और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाकों में विरोध फैल गया.
पूर्व पार्टी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के मामले की तरह, बीजेपी ने राजा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. पार्टी की केंद्रीय अनुशासन समिति ने उन्हें यह बताने के लिए 10 दिन का समय दिया कि क्यों न उन्हें निष्कासित कर दिया जाए.
राजा ने कहा कि उनका वीडियो हैदराबाद शहर में फारुकी के शो के जवाब में था जिसे तेलंगाना सरकार और पुलिस ने अनुमति दी थी.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के निर्देशों के अनुसार सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति सरकार ने उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया था”.
(संपादन: ऋषभ राज)
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