नई दिल्ली: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोएडा के बहुचर्चित निठारी मामले में आरोपी सुरेंद्र कोहली और मनिंदर सिंह पंढेर को बड़ी राहत देते हुए सोमवार को बरी कर दिया.
इससे पूर्व गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने कोहली और पंढेर पर लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने और हत्या के आरोप तय करते हुए उन्हें मृत्यु दंड की सजा सुनाई थी.
न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एस एच ए रिजवी की पीठ ने कोली और पंढेर की अपील पर यह आदेश पारित किया. पंढेर और कोली ने गाजियाबाद की सीबीआई अदालत के निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
मामले पर बात करते हुए प्रयागराज में निठारी कांड के दोषी मनिंदर सिंह पंढेर की वकील मनीषा भंडारी ने कहा, “इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मनिंदर सिंह पंढेर को उसके खिलाफ दो अपीलों में बरी कर दिया है. उसके खिलाफ कुल 6 मामले थे. यहां कोली को उसके खिलाफ सभी अपीलों में बरी कर दिया गया है.”
#WATCH उत्तर प्रदेश: प्रयागराज में निठारी कांड के दोषी मोनिंदर सिंह पंढेर की वकील मनीषा भंडारी ने कहा, "इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मोनिंदर सिंह पंढेर को उसके खिलाफ दो अपीलों में बरी कर दिया है। उसके खिलाफ कुल 6 मामले थे। यहां कोली को उसके खिलाफ सभी अपीलों में बरी कर दिया गया है।" pic.twitter.com/6HAVjnK6wb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 16, 2023
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले को सिद्ध करने में विफल रहा. इससे पूर्व कई दिनों तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने मृत्युदंड मामले में अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था.
बहुचर्चित निठारी मामला वर्ष 2005 और 2006 के बीच घटित हुआ था और तब सुर्खियों में आया जब दिसंबर, 2006 में नोएडा के निठारी में एक मकान के पास नाले में मानव कंकाल पाए गए थे. मनिंदर पंढेर उस मकान का मालिक था और कोली उसका नौकर था.
बाद में, इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने सुरेंद्र कोली के खिलाफ हत्या, अपहरण, दुष्कर्म और साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए 16 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया और पंढेर के खिलाफ अनैतिक मानव तस्करी के लिए आरोप पत्र दाखिल किया था.
हाई कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में सभी मामलों में दोनों को बरी कर दिया.
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