रामल्लाह: रविवार को गाजा के फिलिस्तीनी इलाके में कम से कम 232 लोग मारे गए, क्योंकि इजरायल ने हमास के रॉकेट हमले और मध्य पूर्वी देश में अप्रत्याशित जमीनी हमले के बाद जवाबी हमले किए. अल जज़ीरा ने इस बात की जानकारी दी.
गाजा पट्टी से दागे गए रॉकेटों की बौछार के बाद, हमास के लड़ाकों ने शनिवार को देश के दक्षिण के इलाकों में घुसकर इजराइल पर वर्षों में सबसे बड़ा हमला किया था.
इज़राइल कीय नेशनल रेस्क्यू सर्विस के अनुसार, यह हमला वर्षों में सबसे खूनी हमला था, जिसमें मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हो गई.
इसके अतिरिक्त, कम संख्या में इजरायली नागरिकों और सैन्य कर्मियों को पकड़ लिया गया और गाजा में लाया गया. अल जज़ीरा के अनुसार, शनिवार देर रात, इज़राइल और हमास दोनों ने दावा किया कि इज़राइली क्षेत्र के भीतर कई स्थानों पर गोलीबारी चल रही थी.
शनिवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 6.30 बजे (03:30 GMT) शुरू हुए हमले में हमास के लड़ाके शामिल थे, जिन्होंने ज़मीन, समुद्र और हवा के ज़रिए इज़राइल में घुसपैठ की.
इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने हमास को चेतावनी दी कि उसने रॉकेट हमले और जमीनी हमले करके “गंभीर गलती” की है.
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हसले के बाद तेल अवीव में सैन्य मुख्यालय से एक वीडियो संदेश में कहा, “इजरायल के नागरिकों, हम युद्ध में हैं. दुश्मन को अभूतपूर्व कीमत चुकानी पड़ेगी.”
हमलों के जवाब में इज़राइल की सेना ने गाजा पर हवाई हमलों की एक सीरीज़ शुरू की.
हमास के वरिष्ठ सैन्य नेता मोहम्मद दीफ ने घोषणा की कि रॉकेट प्रक्षेपण “ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड” की शुरुआत थी, जिसने दुनिया भर के फिलिस्तीनियों से इजरायल के कब्जे का विरोध करने का आग्रह किया.
इजरायली सेना ने गाजा पट्टी के पास रहने वाले नागरिकों को अपने घरों के अंदर रहने का आदेश देते हुए कहा, हमास को “अपने कार्यों के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी”.
विशेष रूप से, हमास की सैन्य शाखा अल-कसम ब्रिगेड ने इज़राइल पर शनिवार के हमले को “अल-अक्सा मस्जिद की रक्षा में” एक प्रयास के रूप में संदर्भित किया, जो मुसलमानों और यहूदियों दोनों के लिए महत्वपूर्ण एक विवादित धार्मिक स्थल है.
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