चुराचांदपुर, मणिपुर: अखुप हाओ को रविवार दोपहर उनकी बेटी का फोन आया. फोन पर उनकी बेटी काफी परेशान दिख रही थी. उनकी बेटी ने उनसे बताया कि उनके 31 वर्षीय बेटे एस. मालसॉम हाओकिप को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उनके घर से तब उठाया जब वह उनसे मिलने के लिए चुराचांदपुर जा रहा था.
अखुप ने दिप्रिंट से कहा, “मुझे सुबह 11.30 बजे के आसपास फोन आया कि मालसॉम को पुलिस उठाकर ले गई है. उसे निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह कुकी छात्र संगठन (KSO) का लीमाटा ब्लॉक अध्यक्ष है. हमें CBI ने यह नहीं बताया कि मेरे बेटे को क्यों गिरफ्तार किया गया, न ही हमें उसकी गिरफ्तारी के कारण के बारे में अब तक पता चला है.”
नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (NHPC) से रिटायर हो चुके अखुप अकेले चिंतित माता-पिता नहीं हैं.
नेंगबोई हाओकिप को भी नहीं पता था कि उनके 21 वर्षीय बेटे पाओमिनलुन हाओकिप को CBI ने क्यों गिरफ्तार किया है. लीमाटा ब्लॉक के KSO महासचिव पाओमिनलुन को उस समय पुलिस ने उठाया जब वह चुराचांदपुर जा रहे थे. इंफाल में एलएमएस लॉ कॉलेज के कानून के छात्र पाओमिनलुन को 3 मई को मणिपुर में हुई हिंसा के दौरान राज्य की राजधानी छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
उसकी मां ने कहा, “मेरा बेटा, जो खुद एक छात्र है, दूसरे छात्र को कैसे मार सकता है? मुझे उसके दोस्त का फोन आया जो उसके साथ जा रहा था. उसके दोस्त ने बताया कि मेरे बेटे को सुरक्षा बल उठाकर ले गए हैं. मैं अभी भी उससे बात नहीं कर पा रही हूं.”
संदेह की KSO के दोनों सदस्य उस हत्याकांड के “मुख्य अपराधियों” में शामिल हैं. जैसा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को घोषणा की थी, मैतेई छात्र फिजाम हेमनजीत और छात्रा हिजाम लिनथोइंगंबी के अपहरण और हत्या के मामले में चुराचांदपुर जिले से लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
CBI ने मैतेई छात्रों के हत्या के मामले में दो महिलाओं- लिंग्नेइचोंग बैतेकुकी और टिननेइलिंग हेंथांग को भी गिरफ्तार किया है.
लिंग्नेइचोंग की भाभी हत्शी को इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं है कि उसके रिश्तेदारों की क्या गलती थी. हत्शी दिप्रिंट से कहती हैं, “वह रोज कमाने-खाने वाली महिला थी. वह अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए सब्जियां उगाती थीं और कुछ छोटे-मोटे काम करती थीं. CBI ने उसके बच्चों को भी नहीं बख्शा.”
यह भी पढ़ें: ‘BJP ऑफिस में लगाई आग, पुलिस पर किया हमला’, दो युवाओं की हत्या के बाद इंफाल में फिर भड़की हिंसा
इन बच्चों के दादा ने गिरफ्तारी के दिन ही चुराचांदपुर पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्हें “अवैध रूप से उठाकर ले जाया गया”. बाद में CBI ने नाबालिगों को असम में कामरूप मेट्रो के जिला बाल संरक्षण अधिकारी को सौंप दिया.
2 अक्टूबर को CBI ने चुराचांदपुर पुलिस को पत्र लिखकर गिरफ्तार किए गए चारों लोगों की गिरफ्तारी के बारे में उनके परिवारों को जानकारी देने का अनुरोध किया. दिप्रिंट द्वारा देखे गए पत्र में लिखा कहा गया है, “इंफाल में मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति और पीड़ित तथा आरोपी पक्ष के समुदायों के बीच जातीय अशांति को देखते हुए उपरोक्त जानकारी पहले नहीं दी जा सकती थी. कृपया जल्द से जल्द इसपर काम किया जाए कि उपरोक्त गिरफ्तार व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को विधिवत सूचित कर दिया गया है.”
गिरफ्तारियों और परिवार के सदस्यों को शुरू में CBI के द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में सूचित नहीं किए जाने से कुकी समुदाय में गुस्सा काफी बढ़ गया है.
कूकी महिला मानवाधिकार संगठन की अध्यक्ष नगैनेइकिम ने दिप्रिंट को बताया, “हम CBI की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं. हम इस बात को स्वीकार नहीं कर सकते कि महिलाओं और बच्चों को बीच सड़क से क्यों उठाया गया? बच्चों का क्या कसूर था? वे सदमे में होंगे क्योंकि बच्चे केवल तभी सुरक्षित महसूस करते हैं जब वे अपने परिवार के साथ होते हैं. CBI ने इसके बारे में परिवार को नहीं बताया और बस उन्हें सड़क से उठा लिया.”
CBI सूत्रों के मुताबिक, संदिग्धों के सिम कार्डों पर नज़र रखने वाली एक टीम ने रविवार को उन्हें रोका और इससे पहले कि किसी को कुछ पता चलता, तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा कि जमीन पर संवेदनशील स्थिति को देखते हुए अधिकारियों की टीम के साथ CRPF और असम राइफल्स के जवान चुराचांदपुर गए थे.
गिरफ्तार किए गए लोगों को हेलीकॉप्टर से सीधे इम्फाल हवाईअड्डे ले जाया गया और फिर हवाई मार्ग से ही गुवाहाटी ले जाया गया. उन्हें एक विशेष अदालत में पेश किया गया जिसने आरोपियों की पांच दिन की हिरासत CBI को दे दी गई. चौकड़ी को 7 अक्टूबर को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा.
CBI अब उन दो मारे गए छात्रों के शव बरामद करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जो जुलाई में लापता हो गए थे. उनकी हत्या की पुष्टि सितंबर में हुई जब मणिपुर सरकार ने मई में लगाए गए इंटरनेट पर प्रतिबंध हटाया. इंटरनेट से प्रतिबंध हटने के बाद ही उनके शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर शेयर की जाने लगी.
KSO के सूचना और मीडिया प्रभारी जांगहोलुन हाओकिप ने दिप्रिंट को बताया कि कुकी समुदाय अब एक अलग प्रशासन चाहता है और इस मांग से पीछे हटने का और कोई रास्ता नहीं है.
उन्होंने कहा, “इम्फाल जाना अब लगभग असंभव है. हम वहां जाएंगे तो मारे जाएंगे. सरकार को यह कदम उठानी होगी और महसूस करना होगा कि वह हमारी रक्षा करने में विफल रही है. परिस्थितियों ने हमें अब एक अलग प्रशासन की मांग करने के लिए प्रेरित किया है. हम राज्य सरकार के साथ कोई बातचीत नहीं करना चाहते. हम केवल केंद्र सरकार से बात करेंगे.”
(संपादन : ऋषभ राज)
(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: ‘FIR दर्ज की और बैठे रहे’ — मणिपुर में मारे गए बच्चों की तस्वीरें आने के बाद माता-पिता ने उठाया सवाल