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Friday, 22 November, 2024
होम2019 लोकसभा चुनावसिख दंगो पर सैम पित्रोदा के बयान से नाराज़ राहुल, कहा- 'मुझे ऐसी बेवकूफी पसंद नहीं'

सिख दंगो पर सैम पित्रोदा के बयान से नाराज़ राहुल, कहा- ‘मुझे ऐसी बेवकूफी पसंद नहीं’

'यह बयान पूरी तरह से पार्टी के लाइन के बाहर है और इसके लिए माफी मांगी जानी चाहिए.' उन्होंने आगे कहा, '1984 का दंगा एक भयावह त्रासदी थी.'

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चंडीगढ़: कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने सिख दंगों पर पार्टी नेता सैम पित्रोदा के बयान को ‘पूरी तरह गलत और पार्टी लाइन से अलग बताया है और उनसे माफी मांगने के लिए कहा है.’

राहुल गांधी ने कहा, ‘यह बयान पूरी तरह से पार्टी के लाइन के बाहर है और इसके लिए माफी मांगी जानी चाहिए.’ उन्होंने आगे कहा, ‘1984 का दंगा एक भयावह त्रासदी थी. जिससे लोगों को भारी दर्द का सामना करना पड़ा था.’ राहुल गांधी ने यह बातें प्रिंट से एक विशेष बातचीत में कही.

राहुल ने यह भी कहा, ‘उन्होंने अभी तक सैम पित्रोदा से इस मामले में बात नहीं की है लेकिन वह उनसे बात करेंगे. मैं उनसे खुद इस मामले में बात करूंगा और मुझे इस तरह का बेवकूफी भरी बातें पसंद नहीं है.’

गुरुवार को सैम पित्रोदा ने सिख दंगों के एक सवाल पर कहा कि ‘हुआ तो हुआ’ जिसके बाद इस बयान की चौतरफा किरकिरी हुई और सभी राजनीतिक पार्टियों ने इसका विरोध किया.

इस बयान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर लगातार बयान देते हुए कहा कि यह ‘तीन शब्द’ पार्टी के कैरेकटर, मेंटलिटी और इंटेशन को दर्शाती है.

बता दें कि पंजाब में लोकसभा इलेक्शन 19 मई को है और पित्रोदा का यह बयान मतदान के महज दस दिन पहले आया है.

सोनिया और मनमोहन सिंह भी मांग चुके हैं माफी

पार्टी अध्यक्ष ने आगे कहा कि 1984 दंगा एक त्रासदी थी और इस त्रासदी पर 2005 में तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी मां सोनिया गांधी जो उस समय पार्टी अध्यक्ष थीं भी माफी मांग चुकी हैं.

मुझे लगता है न्याय होना चाहिए. जो लोग इस दंगे के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें सामने लाया जाना चाहिए और सजा भी मिलनी चाहिए. पूर्व प्रधानमंत्री भी माफी मांग चुके हैं. मेरी मां भी इस मामले में अपनी बात पहले ही कह चुकी हैं और हमारा मानना है कि यह एक त्रासदी थी.

सैम पित्रोदा ने माफी मांगी

1984 में हुआ तो हुआ कहने के बाद भारतीय जनता पार्टी की जबर्दस्त खिंचाई हुई जिसके बाद पित्रोदा ने न केवल माफी मांगी है बल्कि बयान को तोड़ने मरोड़ने का आरोप भी गलाया है. उन्होंने कहा, ‘मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. मेरी हिंदी अच्छी नहीं है इसलिए इस बयान को संदर्भ से काटकर देखा गया है.’


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‘ मुझे कहना था जो हुआ, वह बुरा हुआ. मैं ‘बुरा’ को हिंदी में ट्रांसलेट नहीं कर पाया.’ पित्रोदा ने कहा कि मेरी टिप्पणी को गलत तरीके से पेश किया गया, मैं माफी मांगता हूं.

क्या बयान दिया था सैम पित्रोदा का

सैम पित्रोदा ने पीएम मोदी के 1984 वाले बयान पर कहा था, ‘अब क्या है 84 का? आप बताइए आपने पांच साल में क्या किया, आप उसकी बात करिए. 1984 में ‘हुआ तो हुआ’ आपने क्या किया? आपने य़ुवाओं को रोजगार दिलाने का वादा किया था और जनता से वोट मांगा था लेकिन जनता से वोट मांगा था. आपने 200 स्मार्ट सिटी बनाने का लोगों को सपना दिखाया था इसे भी आप पूरा नहीं कर सके. आपने कुछ नहीं किया इसलिए आप यहां-वहां गप लड़ाते हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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