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Thursday, 21 November, 2024
होमदेशदिल्ली पुलिस ने कहा- न्यूज़क्लिक के संस्थापक ने कश्मीर, अरुणाचल को विवादित क्षेत्र बताने की साजिश रची 

दिल्ली पुलिस ने कहा- न्यूज़क्लिक के संस्थापक ने कश्मीर, अरुणाचल को विवादित क्षेत्र बताने की साजिश रची 

पुलिस ने कहा कि कबीर पुरकायस्थ ने यह काम चीन स्थित कंपनी की मदद से इस तरह के नैरेटिव फैलाने की कोशिश की कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश विवादित क्षेत्र हैं.

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नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने बुधवार को आरोप लगाया कि न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ ने शंघाई स्थित एक कंपनी की मदद से यह नैरेटिव फैलाने की साजिश रची कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश विवादित क्षेत्र हैं.

दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि गुप्त सूचनाओं से पता चला है कि प्रबीर पुरकायस्थ, नेविल रॉय सिंघम (चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग के सक्रिय सदस्य बताए जाते हैं) के स्वामित्व वाली स्टारस्ट्रीम नाम की शंघाई स्थित कंपनी के कुछ अन्य चीनी कर्मचारियों के साथ ईमेल का आदान-प्रदान किया जो कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं मानने को उनके इरादे को उजागर करता है.

दिल्ली पुलिस ने कहा कि इन व्यक्तियों के ऐसे प्रयासों से वैश्विक और घरेलू स्तर पर यह नैरेटिव फैलाने की उनकी साजिश का पता चलता है कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश विवादित क्षेत्र हैं.

दिल्ली पुलिस ने कहा, “भारत की उत्तरी सीमाओं के साथ छेड़छाड़ करने और मानचित्रों में कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्से के तौर पर न दिखाने की उनकी कोशिशें, भारत की एकता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने की मंशा से की गई कार्रवाई हैं.”


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उन्होंने कहा कि आरोपी व्यक्तियों ने इस तरह की अवैध विदेशी फंडिंग के माध्यम से जीवन के लिए जरूरी आपूर्ति और सेवाओं को बाधित करने और किसानों के विरोध प्रदर्शन को लंबा खींचकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और नष्ट करने की भी साजिश रची है.

कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए भारत सरकार के प्रयासों को बदनाम करने की एक झूठी कहानी प्रचारित की गई है. दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह पता चला है कि प्रबीर पुरकायस्थ ने 2019 के आम चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) नामक एक समूह के साथ साजिश रची थी.

पुलिस ने प्रबीर पुरकायस्थ और न्यूज़क्लिक के ह्यूमन रिसोर्सेज हेड (एचआर) के रिमांड की मांग करते हुए कहा, “एम/एस पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व और रखरखाव वाले पीपुल्स डिस्पैच पोर्टल का इस्तेमाल एक साजिश के तहत अवैध रूप से भेजे गए विदेशी फंड के करोड़ों रुपये के बदले में पेड न्यूज़ के माध्यम से जानबूझकर इन झूठे नैरेटिव को फैलाने के लिए किया गया.”

दिल्ली पुलिस के अनुसार, गुप्त इनपुट प्राप्त हुए हैं कि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने, भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने, और भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के इरादे से साजिश के तहत भारतीय और विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में अवैध रूप से करोड़ों की विदेशी धनराशि का निवेश किया गया.

अप्रैल 2018 से मेसर्स पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को करोड़ों रुपये की ऐसी धोखाधड़ी वाली धनराशि, मेसर्स वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी, यूएसए और अन्य से पांच साल की छोटी अवधि के दौरान अवैध तरीकों से प्राप्त हुई है.

दिल्ली कोर्ट में दायर रिमांड आवेदन में कहा गया है कि प्रबीर पुरकायस्थ, अमित सेनगुप्ता, दोराईस्वामी रघुनंदन, बप्पादित्य सिन्हा, गौतम नवलखा, गीता हरिहरन, अमित चक्रवर्ती और एम/एस वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग एलएलसी, जो नई दिल्ली में इसके पंजीकृत कार्यालय “पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड” के शेयरहोल्डर्स हैं.

“इस तरह के विदेशी फंड को मेसर्स वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स (नेविल रॉय सिंघम के करीबी सहयोगी जेसन पफेचर द्वारा निगमित, पीपल सपोर्ट फाउंडेशन (निदेशक जोडी इवांस, नेविल रॉय सिंघम की पत्नी), जस्टिस एंड एजुकेशन फंड, मेसर्स जीएसपीएएन एलएलसी (नेविल रॉय सिंघम के स्वामित्व वाली), द ट्राइकॉन्टिनेंटल लिमिटेड इंक यूएस, सेंट्रो पॉपुलर डी मिडास, ब्राजील समेत कई संस्थाओं के एक काम्पलेक्स वेब के जरिए धोखाधड़ी से निवेश किया गया है.”

यह पता चला है कि ट्राइकॉन्टिनेंटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जीएसपीएएन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड दोनों को, क्रमशः ट्राइकॉन्टिनेंटल लिमिटेड, यूएसए और जीएसपीएएन एलएलसी यूएसए द्वारा निगमित, विदेशी धन प्राप्त करने के मौजूदा नियमों को दरकिनार कर भारत में धन निवेश के लिए एनजीओ द्वारा मदद मिली.

इसके अलावा, यह पता चला है कि गौतम नवलखा, जो वर्ष 2018 में पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना के बाद से इसके शेयरधारक रहे हैं, भारत विरोधी और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे, जैसे कि प्रतिबंधित नक्सली संगठनों का सक्रिय रूप से समर्थन करना और गुलाम नबी फई जो पाकिस्तान की आईएसआई का एजेंट है, के साथ राष्ट्र-विरोधी सांठगांठ रखना.

दिल्ली पुलिस ने कहा कि यह भी पता चला है कि गौतम नवलखा 1991 से प्रबीर पुरकायस्थ के साथ जुड़े हुए हैं, जब उन्होंने सागरिक प्रोसेस एनालिस्ट प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की थी.

इससे पहले, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की रिमांड याचिका को मंजूरी दे दी और न्यूज़क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती को बुधवार को सात दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.


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