मुंबई: मुंबई में एक गुजराती पिता और पुत्र के खिलाफ बुधवार को एक मामला दर्ज किया गया, जब एक महिला ने उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने उसे अपने में फ्लैट देने से इनकार कर दिया क्योंकि वह मराठी थी.
मुलुंड की शिव सदन सोसायटी के सचिव प्रवीण तन्ना और उनके बेटे नीलेश पर दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत गलत तरीके से रोकने, जानबूझकर चोट पहुंचाने और उकसाने के इरादे से अपमान करने का आरोप है.
महिला तृप्ति देओरुखकर ने बुधवार रात एक वीडियो में आरोप लगाए, जिस पर लोगों और महाराष्ट्र के राजनेताओं ने तीखी टिप्पणियां कीं. फ़ेसबुक पर पोस्ट की गई क्लिप में, रोते हुए देओरुखकर ने कहा कि “मुंबई में एक मराठी के साथ जो हो रहा है, उससे हैरान और दुखी हूं”.
सोशल मीडिया मार्केटिंग फर्म चलाने वाले देओरुखकर ने दिप्रिंट को बताया, “सोसायटी के सचिव प्रवीण तन्ना ने मुझे बताया कि उनकी सोसायटी में महाराष्ट्रीयन लोगों को रहने की अनुमति नहीं है. मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने उनसे पूछा कि क्या यह समाज का नियम है, जिसकी वजह से बाद में झगड़ा हुआ.”
उन्होंने कहा, वह प्रवीण की बहस रिकॉर्ड कर रही थी, तभी उनके बेटे नीलेश ने फोन छीन लिया और उनका दूसरा हाथ मजबूती से पकड़ लिया. देओरुखकर ने कहा, “मैं डरी हुई थी क्योंकि मेरे काम और मेरे क्लाइंट की जानकारी फोन पर थी. धक्का-मुक्की हुई और उन्होंने मुझे धक्का दिया… मेरे पति का चश्मा भी टूट गया. इसलिए हमने बाद में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.”
वीडियो देखने के बाद – जिसे बुधवार रात पोस्ट किया गया था, कई लोगों ने गुस्से में माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट एक्स पर मराठियों के खिलाफ भेदभाव का दावा किया.
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता आदित्य ठाकरे ने इस घटना को “दुखद” बताया, जबकि उनके सहयोगी संजय राउत ने आरोपियों के पर सवाल उठाया.
चीड आणणारी घटना…
पण प्रश्न हा आहे, की हे पाहून मिंधे-भाजपा सरकार काय करणार?
आमच्या मराठमोळ्या वारकऱ्यांवर, बारसूमधल्या महिलांवर, मराठा समाजावर लाठ्या चालवल्या…
तसा इथेही कायद्याचा धाक दाखवणार, की दिल्लीश्वर नाराज होतील म्हणून ‘हाताची घडी तोडांवर बोट’ ठेवून गप्प बसणार?ह्या… https://t.co/stfcuNcBaO
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) September 27, 2023
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने सवाल किया कि क्या महाराष्ट्र में अब मराठी लोगों के लिए कोई जगह नहीं है.
मुंबई मध्ये आता मराठी माणसाला च जागा नाही ??
आज मुलुंड मुंबई येथे एका मराठी भगिनी बाबतीत झालेला प्रकार हा अतिशय संतापजनक आहे. Maharashtrian Not Allowed अशी मुजोरी काही मंडळी येथे मुंबई मध्ये करत आहेत हे अजिबात खपवून घेतले जाणार नाही. यांच्या मागे कोणत्या शक्ती आहेत हे बघितले… https://t.co/Uc1v9Vc9hW
— Nana Patole (@NANA_PATOLE) September 27, 2023
इस बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं का एक समूह गुरुवार को देवरुखकर को मुलुंड सोसायटी ले गए और तन्नाओं से उनसे माफी मंगवाई.
मुलुंड से मनसे नेता सत्यवान दलवी ने दिप्रिंट को बताया कि क्षेत्र के अन्य लोग भी इसी तरह के भेदभाव के उदाहरणों का हवाला देते हुए आगे आए हैं. और ऐसा ही आरोप लगा रहे हैं.
बुधवार रात करीब 11 बजे, महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने कहा कि उन्होंने घटना को नोट कर लिया है और मामले की जांच की भी मांग की है.
तृप्ती देवरुखकर यांना मराठी भाषिक असल्याच्या कारणावरून मुलुंड, मुंबई येथील शिवसदन सहकारी गृहनिर्माण संस्थेने सदनिका नाकारण्यात आली तसेच याबाबत प्रश्न उपस्थित केल्याने संस्थेच्या पदाधिकाऱ्यांकडून त्यांना धक्काबुक्की करण्यात आल्याचे वृत्त मध्यामांवरून प्रसारित होत आहे.
भारतीय…
— Rupali Chakankar (@ChakankarSpeaks) September 27, 2023
एक पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद शिकायत की जांच की जा रही है. हालांकि, शिव सदन सोसायटी के कार्यालय में कॉल किया गया जिसका उत्तर नहीं दिया गया.
उस दिन क्या हुआ था?
तृप्ति देओरुखकर ने कहा कि वह और उनके पति बुधवार दोपहर के तुरंत बाद एक फ्लैट देखने के लिए शिव सदन भवन गए जहां वह अपना कार्यालय स्थानांतरित करना चाहते थे.
उन्होंने अपनी पुलिस शिकायत में कहा, “हमारे एक परिचित के पास बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर में एक जगह थी और हम उसे ही देखने गए थे.”
जब वह फ्लैट में थी, 80 वर्षीय प्रवीण तन्ना अंदर आए और उस आदमी से बात करने लगे जो उन्हें जगह दिखा रहा था.
अपनी शिकायत में, देओरुखकर ने कहा, “मैंने पूछा कि क्या परेशानी और मुझे बताया गया कि मराठियों को (बिल्डिंग में) रहने की अनुमति नहीं थी. मैंने रूल बुक दिखाने को कहा तो वह नाराज हो गए. उन्होंने यहां तक कहा कि मैं किसी को भी कॉल कर सकता हूं, बता सकता हूं या शिकायत कर सकता हूं और कोई भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता. उनकी उम्र देखकर मैं और मेरे पति वहां से चले गए.”
जैसे ही वे बाहर निकले, उनके बेटे नीलेश ने दंपति से पूछा कि उन्होंने उनके पिता के साथ बहस क्यों की. देवरुखकर ने शिकायत की कि उनका बेटा उनसे बहस कर रहा था, जहां बाद में उनके पिता आ गए और फिर दोनों ने उनके साथ मिलकर दुर्व्यवहार किया.
जैसे ही झगड़ा बढ़ गया, पिता और पुत्र ने कथित तौर पर देवरुखकर और उनके पति पर हमला किया, फिर अन्य लोगों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप किया, ऐसा उन्होंने एफआईआर में दावा किया.
जब वह घर पहुंची तो उन्होंने वीडियो रिकॉर्ड किया. देवरुखकर ने वीडियो में कहा, “मुंबई में कोई भी महाराष्ट्रीयन लोगों को महत्व नहीं देता है.” उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि जब उनके साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया जा रहा था तो एक भी महाराष्ट्रीयन उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया. रोती हुई देओरुखकर ने वीडियो में कहा, ”मुझे सिर्फ गुजरातियों पर ही नहीं बल्कि हर किसी पर गुस्सा है. मैं यह भी नहीं कह रही कि सभी गुजराती इसी तरह भेदभाव करते हैं. लेकिन मुलुंड पश्चिम की इस सोसायटी की तरह, मुझे यकीन है कि अन्य हाउसिंग सोसायटी भी होंगी जिनके पास ऐसे नियम होंगे. और मेरे जैसे कई लोगों को इस तरह के अपमान का सामना करना पड़ा होगा.”
(संपादन: अलमिना खातून)
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