नई दिल्ली: इटली की पत्रकार फ्रांसेस्का मरीनो ने दावा किया है कि भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए हवाई हमले में करीब 130 से 170 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ढेर किया है.
अपने ब्लॉग में मरीनो ने दावा किया है कि इनमें से कुछ की मौत तो इलाज के दौरान हुई है वहीं 45 लोगों का अभी भी इलाज चल रहा है. मरीनो का यह दावा वायुसेना द्वारा बालाकोट में किए गए हमले के दो महीने बाद आया है. बता दें कि भारतीय वायु सेना ने जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के ठीक 12 दिनों बाद किया था. इस आत्मघाती हमले में करीब 40 जवान शहीद हो गए थे.
फिलहाल देश में लोकसभा चुनाव चल रहा है वहीं यूनाइटेड नेशन सुरक्षा काउंसिल ने जैश ए मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया है जिसका फायदा मौजूदा बीजेपी सरकार को मिलेगा.
मरीनो अपने ट्विटर पर अपना परिचय एक पत्रकार, लेखक और साउथ एशिया के विशेषज्ञ के रूप में दिया है. वह बालाकोट मामले में कई भारतीय चैनल पर नजर आईं. यही नहीं उन्होंने यह भी दावा किया कि बालाकोट हमले के बाद पाकिस्तानी सेना करीब 35 शवों को लेकर गई थी.
मरीनो ने किया दावा किया
मंगलवार को लिखे अपने ब्लॉग में मैरिनो ने दावा किया है कि भारतीय वायु सेना के हवाई हमले में कोई भी क्षति न होने की बात पाकिस्तान सरासर झूठ बोल रहा है. मरिनो ने लिखा है ‘भारतीय वायु सेना ने तड़के साढ़े तीन बजे हमला किया. मेरी सूचना के मुताबिक, शिंकयारी आर्मी कैंप से सेना की एक टुकड़ी घटनास्थल पर पहुंची.’
पत्रकार ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा, ‘जैश-ए-मोहम्मद के शिविर पर किए गए भारतीय हवाई हमले पर पाकिस्तान दुनिया के सामने झूठ बोल रहा है. उन्होंने आगे यह भी लिखा है कि 26 फरवरी को और उसके बाद बालाकोट में जो कुछ हुआ, उसके छोटे-छोटे विवरण मेरे सूत्रों के जरिये मुझे मिलते रहे हैं.’
मारीनो आगे लिखती हैं, मेरे पाकिस्तानी सूत्रों ने मुझे बताया कि सेना की टुकड़ी हमले के दिन सुबह 6 बजे घटनास्थल पर पहुंची थी. शिंकयारी बालाकोट से लगभग 20 किलोमीटर दूर है और यहीं पर पाकिस्तान का सैन्य बेस कैंप भी है. पाकिस्तानी सेना की जूनियर लीडर्स एकेडमी भी यहां है.
मारीनो ने लिखा कि सेना की टुकड़ी के बालाकोट पहुंचने के तुरंत बाद ही वहां से कई जख्मी लोगों को सिंकयारी स्थित हरकत-उल- मुजाहिद्दीन कैंप पहुंचाया गया जहां पाकिस्तानी सेना के डॉक्टरों ने उनका इलाज किया.
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि भी भी करीब 45 लोगों का इलाज इस कैंप में जारी है. वहीं इलाज के दौरान गंभीर रूप से घायल करीब 20 लोगों की मौत हो चुकी है.’ स्थानीय सूत्रों का हवाला देते हुए मारीनो ने लिखा है कि इस हमले में अभी तक 130-170 लोगों के मारे जाने की खबर है इसमें वो लोग भी शामिल हैं जिनकी मौत इलाज के दौरान हुई है. जो आतंकी मारे गए उनमें 11 प्रशिक्षक भी हैं. मृतकों में बम बनाने और हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने वाले भी शामिल हैं.
मृतकों के परिवार वालों को दिया मुआवजा
मारीनो अपने पोस्ट में आगे लिखती हैं कि इनमें से दो ट्रेनर अफगानिस्तान के थे. और यह खबर लीक न हो जाए इसके लिए भी जैश-ए-मोहम्मद ने पूरी तैयारी की और मृतकों के घर जाकर परिवार वालों को मुआवजा भी दिया.
हालांकि मारीनो ने यह भी लिखा है कि इतनी बड़ी संख्या में मारे गए लोगों को दिलासा देने के लिए जेईएम नेतृत्व ने अपने कैडरों को आश्वस्त किया है कि समय पूरा होने पर समूह इसका बदला लेगा,
हालांकि पाकिस्तान सरकार यह मानने को तैयार नहीं है कि जैश के जिस ठिकाने को निशाना बनाया गया था वहां आतंकी मौजूद थे. पाकिस्तान सरकार का दावा है कि वह इमारत जहां बम गिरा वहां कोई नुकसान नहीं पहुंचा. गौरतलब है कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में हवाई हमला किया जिसमें जैश के करीब 300 आतंकियों और उनके ट्रेनर के सफाए का दावा किया गया.