गुरुग्राम: कांग्रेस सोमवार को हरियाणा के कैथल में पार्टी के संस्थापक और पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की जयंती के अवसर पर आयोजित इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) की रैली से दूर रही, जबकि विपक्ष के इंडिया गठबंधन के कई अन्य नेता उपस्थित थे.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) नेता फारूक अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसा) के डेरेक ओ’ब्रायन और जनता दल (यूनाइटेड) के के.सी. त्यागी इस कार्यक्रम में मौजूद थे और उन्होंने कांग्रेस पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ एकता के लिए अपना “बड़ी पार्टियों” को अपना “अहंकार छोड़ने की ज़रूरत” है.
इंडिया गठबंधन में शामिल होने की कोशिश कर रहे इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की और उन्हें रैली के लिए आमंत्रित किया था.
बैठक के बाद अभय ने दिप्रिंट को बताया था कि खरगे ने आयोजन की सफलता की कामना की और कहा कि वो रैली में भागीदारी के मुद्दे पर पार्टी स्तर पर चर्चा करेंगे.
हालांकि, हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा इनेलो के साथ किसी भी तरह के तालमेल के खिलाफ रहे हैं और ऐसा लगता है कि पार्टी में उनकी इच्छा कायम है.
अभय द्वारा खरगे को निमंत्रण दिए जाने के बाद दिप्रिंट से बात करते हुए, हुड्डा ने कहा था कि इनेलो की रैली एक जयंती मनाने के लिए थी और कोई भी ऐसे कार्यक्रम में जा सकता है. उन्होंने कहा कि अभी तक इनेलो का इंडिया गठबंधन में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है.
रैली में शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) नेता शाहिद सिद्दीकी और भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आज़ाद और वरिष्ठ भाजपा नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह भी उपस्थित थे.
केंद्र में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल (2014 से 2019) के दौरान एक केंद्रीय मंत्री, सिंह ने इंडिया गठबंधन के नेताओं से पहले रैली को संबोधित किया और अपने भाषण के बाद कार्यक्रम स्थल से चले गए.
उन्होंने सभा को बताया कि वह चौधरी देवीलाल जैसे महान नेता को श्रद्धांजलि देने में विश्वास करते हैं, जिनके लिए राजनीतिक दलों को अपने मतभेदों से ऊपर उठना चाहिए.
हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि सिंह ने देवीलाल की जयंती मनाने के लिए किसी रैली में भाग लिया है — उन्होंने 2021 में अपने गृह जिले जींद में आयोजित एक रैली में भी भाग लिया था — हाल ही में उनके भाजपा से नाराज़ होने की खबरें आई हैं.
सिंह ने एक से अधिक मौकों पर जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ भाजपा के गठबंधन को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जो आईएनएलडी से अलग होकर बनी है और इसका नेतृत्व चौधरी देवीलाल के परपोते और हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला कर रहे हैं.
सिंह की पत्नी ने 2014 और 2019 में उचाना विधानसभा सीट पर दुष्यंत के खिलाफ प्रतिस्पर्धा की, जबकि उनके बेटे बृजेंद्र ने हिसार लोकसभा सीट पर उनका मुकाबला किया.
इनेलो ने पहले कहा था कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी और एसपी नेता अखिलेश यादव ने रैली में शामिल होने की पुष्टि की थी, लेकिन सभी समर्थन दिखाने में असफल रहे.
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‘लोग BJP-JJP सरकार को हटाने के लिए तैयार’
किसी भी कांग्रेस नेता की अनुपस्थिति के बावजूद रैली में अधिकांश वक्ताओं ने पार्टी पर कोई सीधा हमला करने से परहेज किया और केंद्र की मोदी सरकार और हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार पर निशाना साधा.
कांग्रेस पर निशाना साधने वालों में इनेलो प्रमुख और पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला भी शामिल थे, जिन्होंने शिक्षक भर्ती घोटाले का ज़िक्र किया जिसमें उन्हें (प्रकाश) दोषी ठहराया गया और जेल में डाल दिया गया था, “उन्होंने कहा कि उन्हें बेरोज़गार युवाओं को नौकरियां प्रदान करने के लिए 10 साल की जेल का सामना करना पड़ा, क्योंकि हरियाणा (1999 से 2005) में उनके शासन के बाद सत्ता में आई सरकार ने उनके खिलाफ एक साजिश रची थी.”
ओम प्रकाश को हुडा (2005 से 2014) के बाद सीएम बनाया गया.
ओ’ब्रायन ने मोदी सरकार पर सबसे गंभीर हमला तब किया जब उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक को एक और “जुमला” बताया, उन्होंने कहा कि महिलाओं को अगले 10 से 15 वर्षों तक राजनीति में कोई कोटा मिलने की संभावना नहीं है.
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की नेता, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी रैली में शामिल होने की इच्छुक थीं, लेकिन कुछ अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण वो इसमें शामिल नहीं हो पाईं. उन्होंने कहा, “उन्होंने संदेश भेजा है कि टीएमसी इनेलो और उसके नेता अभय सिंह चौटाला के साथ है.”
उन्होंने कहा, “अगर बड़ी पार्टियां वास्तव में भाजपा को हराने में रुचि रखती हैं तो उन्हें अपना अहंकार छोड़ना होगा और अपने अहंकार को अपनी जेब में रखना होगा.”
ब्रायन ने कहा, “केंद्र की मौजूदा एनडीए सरकार सिर्फ 10 अमीर लोगों के लिए काम करती है, आम लोगों के लिए नहीं. उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि नोटबंदी से काला धन बाहर आ जाएगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि एक बार भाजपा सत्ता में आएगी तो लोगों को उनके बैंक खातों में 15 लाख रुपये मिलेंगे, लेकिन कुछ नहीं हुआ.”
अब्दुल्ला ने कहा कि अगर विपक्षी दलों ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने की योजना बनाई है, तो वे इसे अकेले नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा, “हमें ओम प्रकाश चौटाला, सुखबीर बादल और कांग्रेस जैसे लोगों को एक मंच पर आने की ज़रूरत है. एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत करने के बजाय, उन्हें भाजपा को हराने के लिए मिलकर काम करने की ज़रूरत है.”
त्यागी ने कहा, “अगर हमें हरियाणा में चुनाव जीतना है तो हमें इनेलो और ओम प्रकाश चौटाला के साथ रहना होगा.”
उन्होंने कहा, “लेकिन समस्या यह है कि हम हरियाणा में सभी 10 (लोकसभा) सीटें हारने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन सीटों को विपक्ष के बीच बांटने के लिए तैयार नहीं हैं.”
बादल ने अपने पिता प्रकाश सिंह बादल की चौधरी देवीलाल के साथ मित्रता के बारे में बात की और कहा कि बादल और चौटाला परिवार हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं.
अभय सिंह, जिन्होंने सोमवार को अपनी राज्यव्यापी “परिवर्तन पदयात्रा” पूरी की, ने कहा कि इनेलो ने हमेशा हरियाणा में बदलाव लाया है और 2024 में फिर से ऐसा करेगी.
सिंह ने कहा, “मैंने अपनी यात्रा के दौरान हरियाणा के लगभग 2,000 गांवों का दौरा किया है और लोगों से मुलाकात की है. वो सभी भाजपा-जजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए तैयार हैं. इनेलो अगली सरकार बनाने जा रही है और मैं अन्य सभी राजनीतिक दलों से इस प्रयास में हमारे साथ आने की अपील करूंगा.” उन्होंने कहा कि वो अक्टूबर से राज्य के बाकी गांवों की यात्रा करेंगे.
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
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