(बेदिका)
नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) ‘सदाबहार’ अभिनेता देव आनंद की 100वीं जयंती से पहले उनके बेटे सुनील आनंद ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि उनके पिता सदाबहार रोमांटिक स्टार के रूप में जिंदा हैं और आज भी दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए प्ररेणा का स्रोत हैं।
सुनील आनंद ने बताया कि उनके पिता को किताबें पढ़ना बहुत पसंद था और अपने लुक को लेकर वो बहुत सजग रहते थे। यही कारण था कि उन्होंने कभी कसरत तथा योग करना नहीं छोड़ा।
देव आनंद का 2011 में 88 साल की उम्र में निधन हो गया था। उनकी मंगलवार को 100वीं जयंती है। देव आनंद ने ‘गाइड’ और ‘हम दोनों’ जैसी बेहतरीन फिल्मों में अपनी उम्दा अदाकारी से लाखों लोगों को दीवाना बना दिया था और बाद के सालों में ‘हरे रामा हरे कृष्ण’ समेत बहुत सी फिल्मों का उन्होंने निर्देशन भी किया।
सुनील इस बात से बेहद खुश हैं कि दुनिया भर में देव आनंद के प्रशंसक उनके पिता की विरासत का जश्न मना रहे हैं।
सुनील ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, “मुझे लगता है कि वह अब भी हमारे साथ हैं, मेरे साथ हैं। वह अब भी दुनिया भर के लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। वह सदाबहार रोमांटिक स्टार के रूप में जीवित हैं।”
सुनील खुद भी फिल्मकार हैं। 67 वर्षीय सुनील अपने पिता को समर्पित फिल्म बना रहे हैं जिसमें वह भी अभिनय कर रहे हैं और फिल्म में उनके साथ-साथ हॉलीवुड और ब्रिटिश कलाकार भी होंगे।
सुनील ने कहा, “यह मेरे पिता को समर्पित एक बड़ी फिल्म है। मैं इसका निर्देशन कर रहा हूं और इसका निर्माता भी हूं।”
देव आनंद ने दिलीप कुमार और राज कूपर के साथ दशकों तक भारतीय सिनेमा पर हुकूमत की। देव आनंद को उनके स्टाइल, बोलने और चलने के खास अंदाज़ के लिए जाना जाता था।
सुनील ने कहा कि उनके पिता एक ईमानदार शख्स थे और दर्शकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते थे।
उन्होंने कहा, “ वह पढ़े-लिखे थे और उन्हें चीज़ों की जानकारी थी। वह भीड़ में किसी से भी किसी भी विषय पर बात कर सकते थे। वह सड़क पर चलने वाले व्यक्ति के साथ भी सहज थे। वह बहुत विनम्र थे। जब आप इतने बड़े स्टार हों तो विनम्र होना मुश्किल होता है।”
देव आनंद की शुरुआती मशहूर फिल्मों में ‘मुनीमजी’, ‘सीआईडी’, ‘पेइंग गेस्ट’, ‘टैक्सी ड्राइवर’ और ‘हम दोनों’ शामिल हैं। उन्हें ‘ जाल’, ‘दुश्मन’, ‘कालाबाज़ार’, ‘काला पानी’, ‘जॉनी मेरा नाम’ और ‘ज्वेल थीफ’ जैसे फिल्मों में शानदार अदाकारी के लिए भी जाना जाता है।
सुनील ने अपना अभियर का सफर 1984 में ‘आनंद और आनंद’ से शुरू किया था। इस फिल्म का निर्देशन उनके पिता ने किया था। उनकी अन्य फिल्म ‘कार थीफ’, ‘मैं तेरे लिए’ और “मास्टर’ शामिल हैं।
देव आनंद और उनकी अभिनेत्री पत्नी कल्पना कार्तिक के दो बच्चे– सुनील और देविना हैं।
भाषा नोमान नरेश
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