scorecardresearch
Monday, 4 November, 2024
होमविदेशक्या FBI ने सिख ‘कार्यकर्ताओं’ को दी थी हत्या की चेतावनी? इंटरसेप्ट ने दिया 3 संस्थाओं का हवाला

क्या FBI ने सिख ‘कार्यकर्ताओं’ को दी थी हत्या की चेतावनी? इंटरसेप्ट ने दिया 3 संस्थाओं का हवाला

इंटरसेप्ट को एफबीआई से कॉमेन्ट नहीं मिला, लेकिन ‘अमेरिकन सिख कॉकस कमेटी’ के समन्वयक ने कहा है कि दो अन्य संस्थाओं ने जून में कनाडा में चरमपंथी हरदीप निज्जर की हत्या के बाद एजेंसी द्वारा चेतावनी की पुष्टि की थी.

Text Size:

नई दिल्ली: इस साल जून में कनाडा में सिख चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मद्देनजर, संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के एजेंटों ने कथित तौर पर कैलिफोर्निया में रहने वाले कई सिखों — जिन्हें रिपोर्ट में “कार्यकर्ताओं” के रूप में पहचाना गया है, से मुलाकात की और उन्हें चेतावनी दी थी कि उनकी “जान ख़तरे में है”.

अमेरिकी खोजी समाचार आउटलेट, द इंटरसेप्ट में शनिवार को छपी एक रिपोर्ट में प्रितपाल सिंह का नाम शामिल है — रिपोर्ट में उसकी पहचान अमेरिकी नागरिक और अमेरिकी सिख कॉकस कमेटी के समन्वयक के रूप में की गई है, जो उसके एक्स हैंडल पर भी है — एफबीआई द्वारा दौरा किए गए लोगों में से एक के रूप में.

द इंटरसेप्ट ने सिंह के हवाले से कहा, “जून के अंत में एफबीआई के दो विशेष एजेंटों ने मुझसे मुलाकात की, जिन्होंने मुझे बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि मेरी जान को खतरा है.”

इसने कथित तौर पर कहा, “उन्होंने हमें स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया कि खतरा कहां से आ रहा है, लेकिन उन्होंने कहा कि मुझे सावधान रहना चाहिए.”

इंटरसेप्ट रिपोर्ट में दो अन्य संस्थाओं का भी हवाला दिया गया है जिन्होंने नाम बताने से इनकार कर दिया, लेकिन कथित तौर पर पुष्टि की कि वे लगभग उसी समय एफबीआई एजेंटों से मिले थे.

जानकारी मिली है कि सिंह ने बाइडेन सरकार से समर्थन भी मांगा है. हालांकि, द इंटरसेप्ट ने कहा है कि एफबीआई ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया.

भारत और कनाडा एक कूटनीतिक विवाद में उलझे हुए हैं. इस हफ्ते कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि उनके पास “विश्वसनीय खुफिया जानकारी” है जो “भारत सरकार के एजेंटों और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध” का सुझाव देती है.

हालांकि, भारत ने इस आरोप से इनकार किया है.

निज्जर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और पंजाब पुलिस को कई मामलों में वांछित था. उसके प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस से भी संबंध होने की बात कही गई थी. 2020 में भारत के गृह मंत्रालय ने उसे यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत एक घोषित आतंकवादी नामित किया था.

अमेरिका ने कथित तौर पर भारत और कनाडा के बीच संबंधों के टूटने पर अपनी प्रतिक्रिया में दृढ़ रुख अपनाया है.

मीडिया रिपोर्टों में शुक्रवार को वाशिंगटन में एक प्रेस ब्रीफिंग में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के हवाले से कहा गया, “प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों से हम बेहद चिंतित हैं. यह महत्वपूर्ण होगा कि भारत इस जांच पर कनाडाई लोगों के साथ काम करे. हम जवाबदेही देखना चाहते हैं.”

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि कनाडा ने नई दिल्ली के साथ मामले के बारे में “कोई विशेष जानकारी” साझा नहीं की है, लेकिन अगर कोई जानकारी साझा की जाती है तो वो उसकी जांच करने को तैयार है और इस बारे में कनाडा को सूचित कर दिया गया है.


यह भी पढ़ें: बब्बर खालसा के आतंकी लखबीर ‘लांडा’ के माता-पिता की कैसी है जिंदगी, जिसके नाम से डरता है पंजाब का हरिके


कनाडा इंटेलिजेंस ने भी दी खतरे की चेतावनी?

इस बीच, अमेरिकन सिख कॉकस कमेटी ने शनिवार को हालिया घटनाक्रम पर अमेरिकन सिख कांग्रेसनल कॉकस के सदस्यों को एक पत्र भी लिखा.

19 सितंबर के पत्र जिस पर प्रितपाल सिंह द्वारा हस्ताक्षर थे, में उल्लेख किया गया है कि इसके संस्थापक सदस्यों में से एक को एफबीआई के एजेंटों ने 27 जून को “जान के खतरे” के बारे में सूचित किया था.

इंटरसेप्ट की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि निज्जर की हत्या से पहले, कनाडाई खुफिया अधिकारियों ने ब्रिटिश कोलंबिया गुरुद्वारा परिषद के प्रवक्ता मोनिंदर सिंह और कनाडा में रहने वाले पांच अन्य सिख लोगों को उनकी जान के खतरों के बारे में चेतावनी दी थी.

कनाडा में अमेरिकी राजदूत डेविड कोहेन ने शनिवार को कहा, “फाइव आईज़ पार्टनर्स के बीच साझा खुफिया जानकारी” ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत और निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के आरोप की जानकारी दी.

फाइव आईज़ एक खुफिया गठबंधन है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं.

कोहेन ने कहा, “मैं कहूंगा कि यह साझा खुफिया जानकारी का मामला था. इस बारे में कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच काफी बातचीत हुई.”

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: आतंकी संगठनों के खिलाफ कनाडा दोहरे मापदंड अपनाता है, भारत और पश्चिम को इसे फॉलो करने की जरूरत नहीं


 

share & View comments