नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) दिल्ली में यमुना नदी के किनारे शुक्रवार को शुरु हुए चौथे नदी उत्सव के लिए निर्धारित विभिन्न गतिविधियों में पर्यावरणविदों के साथ पैनल चर्चा, फिल्म स्क्रीनिंग, प्रख्यात कलाकारों की प्रस्तुतियां, कठपुतली शो और प्रदर्शनियां शामिल हैं।
तीन दिवसीय कार्यक्रम में कई विषयों पर चर्चा होगी, जिनमें प्राचीन ग्रंथों में नदियां, नदियों के किनारे सांस्कृतिक विरासत और लोक व सांस्कृतिक परंपराओं में नदियां आदि विषय शामिल हैं।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन (एनएमसीएम) और जनपद सम्पदा प्रभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की परिकल्पना लोगों को पारिस्थितिकी और पर्यावरण के बारे में जागरूकता पैदा करने और संवेदनशील बनाने के लिए की गई है।
इस आयोजन के दौरान 18 फिल्में दिखाई जाएंगी, जिनमें से छह का निर्माण आईजीएनसीए ने किया है। आयोजकों ने बताया कि इस अवसर पर पारंपरिक कठपुतली कलाकार और समकालीन रंगमंच कलाकार पूरन भट्ट कठपुतली शो ‘द यमुना गाथा’ का प्रदर्शन करेंगे।
आईजीएनसीए में एनएमसीएम के सहायक निदेशक अभय मिश्रा ने एक बयान में कहा, ‘नदी उत्सव नदी संस्कृति, इसकी परंपरा, रीति-रिवाजों का दस्तावेजीकरण करने का एक प्रयास है। आधुनिकता की दौड़ में, हम अपनी नदियों को भूल गए हैं। ’’
उन्होंने कहा कि यह आयोजन नदियों से जुड़ाव को याद करने की एक पहल है। तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान एक पुस्तक मेले का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न प्रकाशक नदियों और पर्यावरण से संबंधित अपनी किताबें पेश करेंगे।”
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