नई दिल्ली: दिल्ली की सातों सीटों पर कब्जा करने के लिए सभी राजनीतिक दल मैदान में उतर गए हैं. इन पर लोकसभा चुनाव के छठे चरण के तहत 12 मई को मतदान होगा. यहां सभी पार्टियों की नजर युवा मतदाओं पर है. राज्य में आधे से अधिक मतदाता 40 वर्ष से कम उम्र के हैं. इसलिए यहां युवा मतदाता सातों सीटों को प्रभावित करने की स्थिति में हैं. इनको अपनी ओर खींचने के लिए सभी दल पूरी ताकत लगाए हुए हैं.
दिल्ली में करीब 1 करोड़ 43 लाख मतदाता हैं. इसमें करीब डेढ़ लाख युवा मतदाता पहली दफा अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. वहीं राज्य में 40 साल से कम आयु वर्ग के वोटर की संख्या 75 लाख 51 हजार है. इस तरह करीब आधे से ज्यादा युवा वर्ग की श्रेणी में आते हैं. इनका साथ जिस भी दल को मिलेगा वह प्रत्याशी चुनाव में जीत के करीब होगा. दिल्ली में 2014 के लोकसभा चुनावों में यह संख्या कुल 1.27 करोड़ के आसपास थी. इस दौरान 18-19 वर्ष के युवा मतदातओं की संख्या कुल 3 लाख 37 हजार थी. इन चुनावों में 65 प्रतिशत मतदान हुआ था.
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सभी पार्टियां साध रहीं युवाओं को
राजधानी में 18 से 40 वर्ष के युवाओं की संख्या 75 लाख देखते हुए सभी दल इन्हें साधने में लगे हुए हैं. सभी दलों की यूथ विंग युवाओं के लिए विशेष प्रचार अभियान चला रही हैं. वहीं सोशल मीडिया के माध्यम से भी युवाओं को जोड़ा जा रहा है. युवाओं को जोड़ने के लिए पार्टियों ने युवा स्टार प्रचारकों को भी मैदान में उतारा है. भाजपा की ओर से कर्नाटक से प्रत्याशी तेजस्वी सूर्या, कांग्रेस से कांग्रेस अध्यक्ष खुद राहुल गांधी प्रचार में निकले हैं. वहीं आप पार्टी की तरफ से भी यूथ विंग प्रचार कर रही है.
इन सीटों पर युवा मतदाता ज्यादा होने से तीनों पार्टियों ने युवा प्रत्याशी उतारे हैं. इनमें भाजपा के टिकट पर पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर, कांग्रेस से ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह और आम आदमी पार्टी से राघव चड्ढा व आतिशी को उम्मीदवार बनाया गया है. इसके अलावा युवाओं को रिझाने के लिए मोदी सरकार की मेक इन इंडिया, मुद्रा योजना सहित कई योजनाओं का सहारा लिया जा रहा है. कांग्रेस युवाओं के रोजगार और बेराजगारी के मुद्दे उठे रही है. वहीं आप पार्टी युवाओं के बीच शिक्षा के क्षेत्र में हुए काम और रोजगार मेले सहित कई कामों को लेकर गई है.
दिल्ली में सबसे ज्यादा युवा वर्ग उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में करीब 55.42 प्रतिशत हैं. इसके बाद दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट पर 55.10 प्रतिशत, उत्तर पश्चिम दिल्ली में 53 प्रतिशत, पूर्वी दिल्ली में 53 प्रतिशत, पश्चिमी दिल्ली में 51 प्रतिशत और नई दिल्ली में 49 प्रतिशत मतदाता है. सबसे कम चांदनी चौक में युवाओं की संख्या 48 प्रतिशत है.
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राजधानी दिल्ली में सभी केंद्रों पर वीपीपैट का होगा इस्तेमाल
इसके अलावा इस बार राज्य में मतदान केंद्रों की संख्या में इजाफा किया गया है. पहले यह 1,3418 थी. अब बढ़कर 1,3816 हो गई है. कई जगह मतदाताओं की लंबी लाइनों की शिकायतों के चलते इस बार मतदान केंद्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी की गई है. इसके अलावा सातों लोकसभा सीटों पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा. सबसे ज्यादा पोलिंग बूथ उत्तर पश्चिम दिल्ली में बनाए गए हैं.