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Monday, 25 November, 2024
होमदेश‘हमारी सामाजिक प्रथाओं के लिए खतरा’, नागालैंड विधानसभा ने सर्वसम्मति से UCC के खिलाफ प्रस्ताव पास किया

‘हमारी सामाजिक प्रथाओं के लिए खतरा’, नागालैंड विधानसभा ने सर्वसम्मति से UCC के खिलाफ प्रस्ताव पास किया

मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो सहित विधानसभा के सदस्यों ने सोमवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का कड़ा विरोध किया था और सदन में मंगलवार को सर्वसम्मति से UCC के खिलाफ एक प्रस्ताव लाया गया.

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नई दिल्ली: नागालैंड विधानसभा ने सर्वसम्मति से राज्य को यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के दायरे से छूट देने को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया है. प्रस्ताव पारित होने के बाद नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा कि UCC राज्य की प्रथाओं, सामाजिक नियमों और धार्मिक परंपराओं के लिए “खतरा पैदा करेगा”. 

मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो सहित विधानसभा के सदस्यों ने सोमवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड  (UCC) का कड़ा विरोध किया था और सदन में मंगलवार को सर्वसम्मति से UCC के खिलाफ एक प्रस्ताव लाया गया.

मुख्यमंत्री द्वारा UCC के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने के बाद, सदन ने सर्वसम्मति से इसे स्वीकार कर लिया और आग्रह किया कि राज्य को प्रस्तावित UCC के दायरे से पूरी तरह छूट दी जाए.

रियो ने कहा, “UCC का स्पष्ट उद्देश्य विवाह और तलाक, हिरासत और संरक्षकता, गोद लेने और रखरखाव, उत्तराधिकार और विरासत जैसे व्यक्तिगत मामलों पर एक ही कानून बनाना है. हमारा विचार है कि यह हमारे प्रथागत कानूनों के लिए खतरा पैदा करेगा. हमारी सामाजिक और धार्मिक प्रथाएं UCC लागू होने के बाद खतरे की स्थिति में होगी.” 

उन्होंने आगे कहा कि नागालैंड सरकार ने कैबिनेट के फैसले के माध्यम से 4 जुलाई को विधि आयोग को इस विषय पर अपनी समस्याओं से अवगत करा दिया था. सरकार ने नागालैंड के अद्वितीय इतिहास और अनुच्छेद 371 (A) के तहत दी गई संवैधानिक गारंटी के आधार पर UCC को लेकर अपना विरोध जताया था.  

रियो ने कहा, “1 सितंबर को राज्य सरकार द्वारा UCC पर विभिन्न हितधारकों के साथ आयोजित परामर्शी बैठक में, विभिन्न आदिवासी समाजों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने UCC को लेकर अपनी कड़ी नाराजगी और आपत्ति जताई थी.”

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 371 (A) नागाओं की धार्मिक और सामाजिक प्रथाओं को सुरक्षा देता है.

14 जून को, 22वें विधि आयोग ने UCC की जांच के लिए जनता और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के अपने विचार मांगे थे.

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC), जो कि पिछले 4 सालों से एक गर्म मुद्दा रहा है, जिस पर विचारों का काफी ध्रुवीकरण भी हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में एक भाषण के दौरान इसका जिक्र किए जाने के बाद से यह और भी चर्चा में आ गया. 

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि एक देश दो कानूनों पर नहीं चल सकता है और यूनिफॉर्म सिविल कोड  (UCC) संविधान के सिद्धांतों और आदर्शों के अनुरूप है.

पीएम मोदी ने भोपाल में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “आज UCC के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है. देश दो (कानूनों) पर कैसे चल सकता है? संविधान भी समान अधिकारों की बात करता है. सुप्रीम कोर्ट ने भी UCC लागू करने को कहा है. ये (विपक्ष) लोग वोट बैंक की राजनीति खेल रहे हैं.“


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