शिमला : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की हिमाचल प्रदेश इकाई ने रविवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के निदेशक डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा से उनकी टिप्पणियों के लिए उनके इस्तीफे और बिना शर्त माफी की मांग की है.
बेहरा ने बृहस्पतिवार को अपने बयान में कहा था कि ‘बार-बार भूस्खलन, बादल फटना और कई अन्य चीजें हो रही हैं, ये सभी पशुओं पर क्रूरता का प्रभाव है…लोग मांस खाते हैं.’
आईआईटी मंडी के निदेशक को लिखे एक पत्र में माकपा के राज्य सचिव ओंकार शाद ने बेहरा के विचारों को अवैज्ञानिक और पेशेवर मूल्यों और नैतिकता विरोधी बताया और कहा कि छात्रों पर व्यक्तिगत विचारों को थोपना और उन्हें मांस न खाने के लिए कहना ‘गैर-पेशेवर आचरण’ है.
पत्र की प्रतिलिपि एक केंद्रीय मंत्री और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी भेजी गई है.
बेहरा ने छात्रों से मांस नहीं खाने का संकल्प लेने का आह्वान करते हुए दावा किया कि पशुओं पर क्रूरता के कारण प्रदेश में भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं. इसके बाद से विवाद खड़ा हो गया था.
शाद ने पत्र में आईआईटी-मंडी के निदेशक से पूछा कि हिमाचल प्रदेश के लोग ‘सदियों से’ मांस खा रहे हैं तो इतने बड़े स्तर पर बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं पहले क्यों नहीं हुईं?’
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