हुबली (कर्नाटक) : अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी-जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन की अटकलों के बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को जद(एस) की धर्मनिरपेक्ष साख पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि उसकी कोई विचारधारा नहीं है और वह सत्ता के लिए कुछ भी करेगा.
सिद्धारमैया ने कहा, “मैंने जद(एस) को भाजपा की बी-टीम कहा था, यह अब साबित हो रहा है. जद(एस) के लोग मुझ पर गुस्सा होते थे, जब मैं उन्हें बी-टीम कहता था. इसके अलावा, उन्होंने खुद को धर्मनिरपेक्ष- जनता दल नाम दिया है, जनता दल (सेक्युलर)- लेकिन सांप्रदायिक पार्टी के साथ हाथ मिला लिया है.”
हुबली में पत्रकारों से बात करते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा, “देवेगौड़ा (जेडीएस सुप्रीमो) कहते थे कि जेडीएस किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगा, लेकिन अब उन्होंने जीटी देवेगौड़ा (जेडीएस समन्वय समिति प्रमुख और विधायक) को यह कहने पर मजबूर कर दिया है कि पार्टी अपने अस्तित्व के लिए बीजेपी से हाथ मिला रही है. इससे साबित होता है कि उनके पास कोई विचारधारा नहीं है और सत्ता के लिए वे कुछ भी करेंगे.’
अपर्याप्त बिजली आपूर्ति के कारण किसानों के विरोध के मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “अगस्त में पर्याप्त बारिश नहीं हुई है और किसानों ने गर्मियों में पानी के लिए पंपिंग सेट का इस्तेमाल किया है, इसलिए बिजली की कमी पैदा हुई है. हम इस समस्या को हल करने के लिए बाहर से बिजली खरीदने की कोशिश कर रहे हैं.”
उन्होंने जी20 रात्रिभोज में कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को शामिल न किए जाने पर भी बात की और कहा, “यह गलत है. वह न केवल कांग्रेस अध्यक्ष हैं, बल्कि वह उच्च सदन (राज्यसभा) में विपक्ष के नेता भी हैं.”
जल विवाद पर बोलते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “केंद्र सरकार ने पर्यावरण और वन क्लीयरेंस को मंजूरी नहीं दी. उन्हें वन और पर्यावरण मंजूरी देने दीजिए, हम तुरंत परियोजना शुरू करेंगे. हम सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ महादायी, अपर कृष्णा, मेकेदातु और कावेरी नदी जल विवाद को लेकर पीएम मोदी से मिलने के लिए समय मांग रहे हैं. 10 दिन पहले सर्वदलीय बैठक के बाद मैंने पत्र लिखकर पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा था. अभी तक मुझे कोई जवाब नहीं मिला है.”
इस बीच, सिद्धारमैया ने राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश करने और प्रधानमंत्री पद के लिए पीएम मोदी को चुनौती देने की अफवाहों का खंडन किया.
उन्होंने कहा, “यह केवल एक राय है क्योंकि लोकतंत्र में कोई भी प्रधानमंत्री बन सकता है. मैं राष्ट्रीय राजनीति में नहीं जाऊंगा.”
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