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Wednesday, 16 July, 2025
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मराठा समाज को पत्थरबाजी नहीं, कानून के दायरे में रहते हुए आंदोलन करना चाहिए : जरांगे

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औरंगाबाद (महाराष्ट्र), आठ सितंबर (भाषा) मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शुक्रवार को कहा कि समुदाय को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए आंदोलन जारी रखना चाहिए लेकिन यह कानून के दायरे में रहते हुए करना चाहिए, पत्थरबाजी करके नहीं।

पिछले 11 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार से ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र देते समय वंशावली का प्रावधान हटाने की मांग की है।

जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में अपने प्रदर्शन स्थल पर पत्रकारों से बातचीत में जरांगे ने कहा, “हम मराठा आरक्षण के लिए लड़ रहे हैं और हम इसे हासिल करेंगे। राज्य भर में जो आंदोलन हो रहे हैं, वे चलते रहने चाहिए और आंदोलनकारियों को इसके लिए समर्थन जुटाने की दिशा में काम करना चाहिए।”

उन्होंने समुदाय के लोगों से कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, उन्हें (मराठा आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों को) कानून के दायरे में रहते हुए आंदोलन करना चाहिए। पथराव कर आंदोलन करने की जरूरत नहीं है। उन्हें कानून द्वारा स्वीकार्य विरोध के साधनों का उपयोग करना चाहिए।’’

राज्य ने बृहस्पतिवार को एक सरकारी संकल्प (जीआर) जारी किया जिसमें कहा गया कि कुनबी जाति प्रमाणपत्र केवल तभी जारी किए जाएंगे जब मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठा समुदाय के सदस्य निज़ाम-युग का वंशावली रिकॉर्ड उपलब्ध कराएंगे। यह क्षेत्र कभी तत्कालीन निज़ाम शासित हैदराबाद राज्य का हिस्सा था।

कुनबी, कृषि-संबंधी व्यवसायों से जुड़ा एक समुदाय है, जिसे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है और शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण लाभ प्राप्त है।

भाषा अर्पणा वैभव

वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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