नई दिल्ली: ‘सनातन धर्म’ की तुलना ‘मच्छर, डेंगू, मलेरिया, बुखार और कोरोना’ से करने की टिप्पणी के लिए डीएमके नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कहा कि भगवान कृष्ण की जयकार इतने ऊंचे आवाज़ में होने चाहिए कि वे सनातन धर्म को चुनौती देने वालों तक पहुंचें.
केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली के द्वारका में जन्माष्टमी समारोह में उदयनिधि स्टालिन और उनकी “सनातन धर्म” टिप्पणी का समर्थन करने वालों पर भी कटाक्ष किया.
उन्होंने कहा, “हमारी आवाज उन लोगों तक पहुंचनी चाहिए जिन्होंने ‘सनातन धर्म’ को चुनौती दी है. जब तक भक्त जीवित हैं, कोई भी हमारे ‘धर्म’ और आस्था को चुनौती नहीं दे सकता.”
इससे पहले बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक में यह मुद्दा उठाया था. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि मंत्रियों को सनातन धर्म की बहस का करारा जवाब देना चाहिए और विपक्ष का मुकाबला करने के लिए तथ्यों का इस्तेमाल करना चाहिए.
बुधवार को तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन और कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे पर कथित तौर पर “धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने” का मामला दर्ज किया गया. उत्तर प्रदेश के रामपुर में दो वकीलों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है.
उदयनिधि की टिप्पणी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, जिसने तमिलनाडु में उसके सहयोगी डीएमके और कांग्रेस पर सनातन धर्म के उन्मूलन की वकालत करने का आरोप लगाया था.
पिछले सप्ताह चेन्नई सम्मेलन में बोलते हुए, उदयनिधि ने कहा था कि ‘सनातन’ (सनातन धर्म) मलेरिया और डेंगू की तरह है, जिसका केवल विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसे खत्म किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, “कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म किया जाना चाहिए. हम सिर्फ डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते. इन्हें खत्म करना होगा. सनातन का विरोध करने के बजाय इसे खत्म करना चाहिए.”
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