नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को घोषणा की कि चंद्रयान-3 मिशन का ‘विक्रम’ लैंडर सुप्तावस्था (स्लीप मोड) में चला गया है.
इससे पहले रोवर ‘प्रज्ञान’ शनिवार को सुप्तावस्था या निष्क्रय अवस्था में चला गया था.
इसरो ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘विक्रम लैंडर भारतीय समयानुसार सुबह करीब आठ बजे सुप्तावस्था में चला गया. इससे पहले चास्ते, रंभा-एलपी और इलसा पेलोड द्वारा नये स्थान पर यथावत प्रयोग किये गये. जो आंकड़े संग्रहित किये गये, उन्हें पृथ्वी पर भेजा गया.’’
पेलोड को बंद कर दिया गया और लैंडर के रिसीवर को चालू रखा गया है.
इसरो ने कहा था, ‘‘सौर ऊर्जा खत्म हो जाने और बैटरी से भी ऊर्जा मिलना बंद हो जाने पर विक्रम, प्रज्ञान के पास ही निष्क्रिय अवस्था में चला जाएगा. उनके 22 सितंबर, 2023 के आसपास सक्रिय होने की उम्मीद है.’’
Chandrayaan-3 Mission:
Vikram Lander is set into sleep mode around 08:00 Hrs. IST today.Prior to that, in-situ experiments by ChaSTE, RAMBHA-LP and ILSA payloads are performed at the new location. The data collected is received at the Earth.
Payloads are now switched off.… pic.twitter.com/vwOWLcbm6P— ISRO (@isro) September 4, 2023
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने पहले कहा था कि चंद्र मिशन के रोवर और लैंडर चंद्रमा की रात में निष्क्रिय हो जाएंगे.
विक्रम लैंडर ने एक बार फिर की सॉफ्ट लैंडिंग
वहीं सोमवार सुबह इसरो ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी थी कि, ‘विक्रम’ लैंडर ने एक बार फिर चांद के सतह पर सफलतापूर्वक एक बार फिर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की.
इसरो ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बताया कि कमांड मिलने पर ‘विक्रम’ (लैंडर) ने इंजनों को ‘फायर’ किया, अनुमान के मुताबिक करीब 40 सेंटीमीटर तक खुद को ऊपर उठाया और आगे 30-40 सेंटीमीटर की दूरी पर सुरक्षित लैंड किया.
Chandrayaan-3 Mission:
🇮🇳Vikram soft-landed on 🌖, again!Vikram Lander exceeded its mission objectives. It successfully underwent a hop experiment.
On command, it fired the engines, elevated itself by about 40 cm as expected and landed safely at a distance of 30 – 40 cm away.… pic.twitter.com/T63t3MVUvI
— ISRO (@isro) September 4, 2023
इसरो ने पोस्ट में कहा, ‘‘विक्रम’ ने एक बार फिर चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की. ‘विक्रम’ लैंडर अपने उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में और आगे बढ़ा. यह उम्मीद भरे एक प्रयोग से सफलतापूर्वक गुजरा. कमांड मिलने पर इसने इंजनों को ‘फायर’ किया, अनुमान के मुताबिक करीब 40 सेंटीमीटर तक खुद को ऊपर उठाया और आगे करीब 30-40 सेंटीमीटर की दूरी पर सुरक्षित लैंड किया.’’
भारत ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के ‘विक्रम’ लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इतिहास रच दिया था.
भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश और इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है.
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