नई दिल्लीः चंद्रयान मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक बार फिर तैयार है. इसरो ने बुधवार को बयान जारी कर चंद्रयान-2 मिशन को लांच करने की जानकारी दी है. मिशन का प्रक्षेपण 9-16 जुलाई के बीच शुरू होगा. एजेंसी ने इसकी जानकारी ट्टवीट करके भी दी है.
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We are ready for one of the most exciting missions, #Chandrayaan2. Launch window between July 9-16 & likely Moon-landing on Sept 6, 2019. #GSLVMKIII will carry 3 modules of this #lunarmission – Orbiter, Lander (Vikram), Rover (Pragyan).
More updates soon. pic.twitter.com/jzx9CMwUhR
— ISRO (@isro) May 1, 2019
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इसरो के अनुसार चंद्रयान-2 में 3 माड्यूल ऑबिर्टिर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) होंगे. जीएसएलबी मार्क-3 चंद्रयान 2 के आर्बिटर और लैंडर को धरती की कक्षा में स्थापित करेगा और फिर उसे चांद की कक्षा में भेजा जाएगा. चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद लैंडर निकलकर चांद की धरती पर सॉफ्ट तरीके से लैंड करेगा. इसके बाद रोवर इससे निकलकर चहलकदमी करते हुए कई प्रयोग को सफल करेगा. भारत को उम्मीद है कि यह 6 सितंबर को चांद पर कदम रख देगा. जो कि यह चांद पर भारत का दूसरा कदम होगा.
गौरतलब है कि चंद्रयान-2 की तैयारी काफी पहले से थी. लेकिन कुछ टेस्ट बाकी थे जिसके कारण इसे लांच नहीं किया जा सका था. वहीं पहले चंद्रयान के साथ रोवर व लैंडर नहीं थे. इस मिशन को पहले 2017 और 2018 में लांच की तैयारी थी, लेकिन यह संभव नहीं हो सका था.
इसरो ने बताया कि रोवर को पावर की कमी न पड़े इसके लिए सोलर पावर उपकरण लगाये गये हैं. इससे पहले 2008 को चंद्रयान-1 को लांच किया गया था. लेकिन ईंधन कम पड़ने से यह मिशन 29 अगस्त 2009 को ही खत्म हो गया. जबकि इसकी इसरों ने इसकी अवधि दो साल तक की आंकी थी.