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Friday, 22 November, 2024
होमदेशमोदी की घोषणा के बाद गरीब और मध्यम वर्ग के शहरी घरों के लिए ब्याज सब्सिडी योजना पर काम शुरू हुआ

मोदी की घोषणा के बाद गरीब और मध्यम वर्ग के शहरी घरों के लिए ब्याज सब्सिडी योजना पर काम शुरू हुआ

आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय योजना के विवरण पर काम कर रहा है, जिसे प्रधान मंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना की तर्ज पर बनाने की संभावना है.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के कुछ दिनों बाद कि भारत में मध्यम वर्ग और शहरी गरीबों को शहरों में घर खरीदने में मदद करने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी, आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (एमओएचयूए) इसके विवरण पर काम कर रहा है. दिप्रिंट को पता चला है कि यह योजना मौजूदा प्रधान मंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) की तर्ज पर होने की संभावना है.

15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधान मंत्री ने शहरों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) को खासकर आवास से संबंधित होने वाली कठिनाइयों का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था, “मध्यम वर्गीय परिवार अपना घर खरीदने का सपना देख रहे हैं. हम आने वाले वर्षों में एक नई योजना लेकर आ रहे हैं जिससे उन परिवारों को लाभ होगा जो शहरों में रहते हैं लेकिन किराए के मकानों, झुग्गियों, चोलों और अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे हैं. अगर वे अपना घर बनाना चाहते हैं, तो हम उन्हें ब्याज दरों में राहत और बैंकों से ऋण में सहायता करेंगे, जिससे उन्हें लाखों रुपये बचाने में मदद मिलेगी. ”

पिछले दो हफ्तों से, एमओएचयूए के अधिकारी इस योजना को जल्द लागू करने के लिए इस पर काम कर रहे हैं. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने, नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट से बात करते हुए कहा: “हालांकि यह सीएलएसएस की तर्ज पर होगा, विवरण पर काम किया जा रहा है. ब्याज अनुदान योजना को लेकर एक कॉन्सेप्ट नोट तैयार किया जा रहा है. यह योजना प्रधानमंत्री द्वारा घोषित घर खरीदारों को ब्याज सब्सिडी प्रदान करने के लिए है.”

पीएमएवाई-यू, एनडीए सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक, सभी को आवास प्रदान करने के उद्देश्य से जून 2015 में शुरू की गई थी. सीएलएसएस, जो एक मांग-संचालित हस्तक्षेप था, पीएमएवाई-यू के चार मुख्य घटकों में से एक था जिसके तहत मध्यम आय समूह और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पात्र लाभार्थियों को घरों की खरीद, शहरी क्षेत्रों में मकानों का निर्माण या विस्तार के लिए ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाती थी.

जबकि पीएमएवाई-यू को 31 दिसंबर, 2024 तक बढ़ा दिया गया था, सीएलएसएस घटक को मार्च 2022 से आगे नहीं बढ़ाया गया था.

एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, नई योजना के तौर-तरीकों पर अभी भी काम किया जा रहा है, इस योजना के तहत 3 लाख रुपये से 18 लाख रुपये के आय वर्ग के लोगों को शामिल किए जाने की संभावना है.

शहरीकरण के कारण शहरी क्षेत्रों में आवास की उच्च मांग का जिक्र करते हुए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स की प्रोफेसर देबोलीना कुंडू ने कहा, “इससे उन लोगों को मदद मिलेगी, जिनमें ज्यादातर मध्यम वर्ग के लोग हैं, जिनके पास आय का नियमित स्रोत है और शहरी क्षेत्रों में घर खरीदने की आकांक्षा है. पीएमएवाई-यू के तहत क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना ने विभिन्न आय वर्ग के लोगों को 20 साल की ऋण अवधि के साथ होम लोन पर वर्गीकृत ब्याज सब्सिडी प्राप्त करने में मदद की, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए अधिकतम ब्याज सब्सिडी थी.

उन्होंने कहा, “शहरी गरीबों के लिए, जिनके पास आय का कोई नियमित स्रोत नहीं है, किराये का आवास एक अच्छा विकल्प हो सकता है. केंद्र ने गरीब लोगों के लिए महामारी के दौरान किफायती किराये की आवास योजना की घोषणा की थी. योजना को मजबूत करने और इसके कवरेज में सुधार करने की आवश्यकता है.”


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PMAY की ब्याज सब्सिडी के 25 लाख से अधिक लाभार्थी

सीएलएसएस में, सब्सिडी चार श्रेणियों के तहत दी जाती थी: आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय समूह (एलआईजी), मध्यम आय समूह- I (एमआईजी-आई) और एमआईजी -2 (घरेलू आय के आधार पर दो श्रेणियों में विभाजित.) जबकि जून 2015 और मार्च 2022 के बीच ईडब्ल्यूएस और एलआईजी को ब्याज सब्सिडी प्रदान की गई थी, सीएलएसएस वर्टिकल को जनवरी 2017 में एक वर्ष की अवधि के लिए एमआईजी तक बढ़ा दिया गया था. बाद में इसे मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया.

एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “सीएलएसएस घटक के तहत, विभिन्न श्रेणियों जैसे मध्यम आय समूह (3 प्रतिशत) और निम्न आय समूह (6.5 प्रतिशत) के तहत 20 साल की अवधि या ऋण अवधि, जो भी कम हो, के लिए 3 से 6.5 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी दी गई थी. ब्याज सब्सिडी 6 लाख रुपये से 18 लाख रुपये के बीच घरेलू आय वाले लोगों को दी गई थी. नई योजना इसी के आसपास रहने की संभावना है.”

पीएमएवाई-यू पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 21 अगस्त, 2023 तक 25.04 लाख लाभार्थियों को 58,868 करोड़ रुपए की ब्याज सब्सिडी वितरित की गई है, जिसमें ईडब्ल्यूएस और एलआईजी के 18.96 लाख लाभार्थी शामिल हैं. करीब 6.08 लाख एमआईजी लाभार्थियों को 12,885 करोड़ रुपए की ब्याज सब्सिडी दी गई.

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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