पुलिस के विशेष कमांडोस पर चुनाव के बीच गढ़चिरौली में हुए हमले ने भाजपा के राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रचार और इस दावे पर कि देश में नक्सल क्षेत्र 60 प्रतिशत से घट गया है, पर सवाल खड़ा कर दिया है. ये एक बहुत ही बड़ा इंटेलिजेंस फेलियर है और पिछले हमलों से, जिनमें छत्तीसगढ़ के हमले भी शामिल हैं, से कोई सीख नहीं ली गई.
भारत को बुर्का प्रतिबंध की ज़रूरत नहीं. ये केवल बेबात ध्रुवीकरण करने वाला मामला है
श्रीलंका की तरह न तो भारत में कोई सुरक्षा संकट है और न ही आतंकी चुनौती कि भारत में बुर्का पर प्रतिबंध पर बहस की जाये. देश में पहले ही एक गर्मागरम और विद्वेषपूर्ण चुनावी प्रचार चल रहा है. ऐसे में ध्रुवीकरण करने वाले नए और बेकार मुद्दों को रोज़ उठाना बेकार है. भारतीय वोटरों को इससे अच्छी बहस का अधिकारी होना चाहिए.