नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल (एल-जी) वी.के. सक्सेना ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने खबरों में बने रहने के लिए मुझ पर आरोप लगाने की आदत बना ली है.
शनिवार को दिप्रिंट के साथ बातचीत में, सक्सेना ने यह भी कहा कि “मेरी ओर से, आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के साथ टकराव का कोई सवाल ही नहीं है”, और पार्टी से इस पर विचार करने के लिए कहा कि “अब टकराव क्यों हो रहा है”.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक के बारे में बोलते हुए, सक्सेना ने कहा: “अरविंद केजरीवाल की कुछ राजनीतिक मजबूरियां हो सकती हैं, जिसके कारण वह मुझ पर आरोप लगाते हैं. अगर किसी ने मुझे दोष देने की आदत बना ली है तो उसका कोई इलाज नहीं है. कुछ लोग ऐसे होते हैं जो खबरों में बने रहने के लिए विवाद पैदा करने की कोशिश करते हैं. खबरों में प्रासंगिक बने रहने का यह उनका तरीका है.
यह पूछे जाने पर कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच विभिन्न मुद्दों पर टकराव की खबरें क्यों आ रही हैं, सक्सेना ने कहा, ”मेरी ओर से, टकराव का कोई सवाल ही नहीं है. मेरा फोकस सिर्फ दिल्ली के विकास पर है. मैंने कभी भी किसी काम का श्रेय लेने की बात नहीं की.”
उपराज्यपाल ने 9 से 10 सितंबर तक नई दिल्ली में होने वाले आगामी जी20 शिखर सम्मेलन के बारे में भी बात की.
शिखर सम्मेलन से पहले राजधानी में सौंदर्यीकरण कार्य को लेकर पिछले महीने आप और केंद्र सरकार का नेतृत्व कर रही भाजपा के बीच विवाद छिड़ गया था. दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर काम का “श्रेय चुराने की कोशिश” करने का आरोप लगाया था.
दिप्रिंट से बात करते हुए, सक्सेना ने कहा कि दिल्ली को संवारने के लिए किए गए काम का “श्रेय” सरकारी विभागों की “पूरी टीम” को जाता है, जिन्होंने कई एजेंसियों के बावजूद, दिल्ली को G20s शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार करने और दुनिया के नेताओं को बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने के लिए मिलकर अथक प्रयास किया था.
हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि सामने से अच्छे नेतृत्व की आवश्यकता थी – और उन्होंने वह प्रदान किया.
सक्सेना ने पूछा,“जो काम दो महीने में हो सकता था, वह (केजरीवाल सरकार के) नौ साल में क्यों नहीं हुआ? जो व्यक्ति आज काम का श्रेय लेने की कोशिश कर रहा है, उसने (सीएम) नौ साल तक कुछ क्यों नहीं किया.”
उन्होंने कहा, ‘अगर आप सरकार ने दिल्ली को एक साल भी दिया होता तो शहर बदल गया होता.’
“दिल्ली कई एजेंसियों वाला एक जटिल शहर है. यदि उचित नेतृत्व है, तो इससे अधिकारियों को काम करने में आसानी होती है.” सक्सेना ने दिप्रिंट से कहा, ”मैं विकास से संबंधित कोई भी काम कभी नहीं रोकता हूं.”
उन्होंने आगे कहा कि “मैं दिल्ली का स्थानीय अभिभावक हूं” और “मेरा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दिल्ली को सजाया और संवारा जाए (हरित स्थान, बेहतर सड़कें, फुटपाथ आदि के साथ)”.
उन्होंने कहा, ”हम दिल्ली का गौरव बहाल करेंगे.”
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‘व्यक्तियों की गलती सिस्टम का हिस्सा’
सक्सेना के अनुसार, दिल्ली और केंद्र में विभिन्न दलों के नेतृत्व वाली सरकारों ने पहले बिना किसी समस्या के साथ मिलकर काम किया था.
“नौ साल पहले भी, सरकारें थीं (विभिन्न दलों के नेतृत्व में) और उन्होंने बिना किसी टकराव के अपना काम किया. उस दौरान काम बहुत सुचारु रूप से हुआ. टकराव के मुद्दे अब उठाए जा रहे हैं,” उन्होंने कहा, ”सिस्टम में कोई दोष नहीं है, बल्कि उन लोगों में दोष है जो सिस्टम का हिस्सा हैं.”
उन्होंने कहा, ”अरविंद केजरीवाल को इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए और अब टकराव क्यों हो रहा है.”
यह पूछे जाने पर कि दिल्ली को साफ-सुथरा और संवारने के लिए एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन की आवश्यकता क्यों है, सक्सेना ने कहा कि पिछले दो महीने इस तथ्य के प्रमाण हैं कि “अगर हम दिल्ली को साफ करने का लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो इसे हासिल किया जा सकता है”.
यह कहते हुए कि शिखर सम्मेलन की तैयारी के दौरान दिल्ली के अधिकारियों के लिए स्वच्छता एक बड़ी चुनौती थी, एलजी ने कहा: “सभी विभाग एक साथ आए और दो महीने तक गहनता से काम किया. आने वाले महीनों में दिल्ली को अभी भी बड़े बदलाव की जरूरत है. यह शहर बिल्कुल वैसा नहीं है जैसा एक शक्तिशाली देश की राष्ट्रीय राजधानी को होना चाहिए. दिल्ली और दिल्ली के लोग बेहतर जीवन जीने के हकदार हैं.”
उन्होंने कहा, “11 सितंबर को शिखर सम्मेलन समाप्त होने के तुरंत बाद, हम एक बार फिर शहर के सौंदर्यीकरण अभियान को शुरू करेंगे.”
दिल्ली में जुलाई में आई बाढ़ के बारे में बात करते हुए, सक्सेना ने कहा कि वे “टलने योग्य” थीं.
“दिल्ली की बाढ़ टाली जा सकती थी. मैंने हाल की बाढ़ पर दिल्ली के मुख्यमंत्री को एक विस्तृत पत्र लिखा है. हमें अपनी गलतियों से सीखने और सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत है.’ जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान बारिश की स्थिति में, हमारे पास सभी पर्याप्त उपाय हैं.”
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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