नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी) के एक निलंबित उप निदेशक और उनकी पत्नी, जो एक नाबालिग के यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी हैं, को बुधवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
13 अगस्त को मामले में दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, 17 वर्षीय नाबालिग के बयान के आधार पर, 51 वर्षीय निलंबित डब्ल्यूसीडी अधिकारी ने न केवल उसका यौन उत्पीड़न किया था, जब वह उसके दिल्ली में लोकल गार्जियन थे और वह उनके घर में रहती थी. लेकिन उस अधिकारी ने उसके साथ चर्च में छेड़छाड़ भी की थी जब दोनों परिवार उस चर्च में जाया करते थे. नाबालिग ने अधिकारी की पत्नी पर घर में मारपीट के बाद गर्भपात की गोलियां खिलाने का भी आरोप लगाया है.
दिप्रिंट के पास एफआईआर की कॉपी है.
मंगलवार को बचाव पक्ष के वकील उमाशंकर गौतम ने कहा कि आरोपी ने 2005 में नसबंदी कराई थी. नसबंदी बरकरार है या नहीं, इस पर मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है और अगली सुनवाई 6 सितंबर को होनी है.
एफआईआर में कहा गया है, “1 अक्टूबर, 2020 को मेरे पिता की मृत्यु के बाद, मैं और मेरी मां उदास हो गए थे. मैं अपना ध्यान भटकाने के लिए अपने अंकल के घर गई [नाबालिग ने आरोपी को मामा या मामा कहा] और वहां से ऑनलाइन क्लासेज लेना शुरू कर दिया [पुलिस सूत्रों के अनुसार, नाबालिग का दाखिला एक ओपन स्कूल में करा दिया गया था]. नवंबर 2002 से जनवरी 2021 तक अंकल ने मेरे साथ रेप किया. वह मेरे निजी अंगों को छूता था.”
एफआईआर में विस्तार से बताया गया है कि यौन उत्पीड़न की पहली घटना के बाद नाबालिग के निजी अंगों में सूजन आ गई थी और आरोपी की पत्नी, जो इस मामले में भी आरोपी है, को इसके बारे में जब उसने बताया तो उसने नाबालिग को ही दोषी ठहराया.
एफआईआर में कहा गया है,“वह (पत्नी) पढ़ाई को लेकर काफी सख्त थी और जब मैं कम अंक लाती थी तो मुझे मारती थी, आखिरी बार उसने जनवरी 2021 में मेरा यौन उत्पीड़न किया था, जिसके बाद मेरे पीरियड्स मिस हो गए थे [यह दर्शाता है कि वह गर्भवती हो सकती है]. मौसी ने कहा कि वे गर्भपात करा देंगे क्योंकि यह पहला महीना है और उन्होंने अपने बेटे से एक परीक्षण किट लाने के लिए कहा. ”
एफआईआर में कहा गया है: “इसके बाद उन्होंने मुझे गर्भपात की गोलियां दीं और मुझे ब्लीडिंग होने लगी। मैंने अपनी मां से 16 जनवरी [2021 को, जब वह नाबालिग के जन्मदिन पर आई थी] मुझे वहां से ले जाने के लिए कहा था [हालांकि उसने कथित तौर पर अपनी मां को कथित हमले के बारे में नहीं बताया था].”
एफआईआर में आगे कहा गया है,“मैंने अपने अंकल आंटी और आंटी के दोनों बच्चों को घटनाओं के बारे में बताया था लेकिन उन्होंने मुझ पर विश्वास नहीं किया. फरवरी में मैं अपनी मां के साथ उस्मानपुर [दिल्ली] स्थित अपने घर वापस आ गई. [हालांकि, पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उसकी मां बाद में बुराड़ी चली गईं, जहां आरोपी रहता था.] जब भी मैं चर्च जाती थी [कथित तौर पर दोनों परिवार एक ही चर्च में जाते थे], मेरे अंकल मेरे साथ छेड़छाड़ करते थे. मैंने 1 जुलाई, 2023 को चर्च जाना बंद कर दिया. मैंने अपनी मां को यह सोचकर कुछ नहीं बताया कि वह विश्वास नहीं करेंगी.”
एफआईआर के मुताबिक, 7 अगस्त से नाबालिग को एंक्जाइटी के दौरे पड़ने लगे और 11 अगस्त को उसने डॉक्टर को बताया कि क्या हुआ था.
‘गर्भावस्था का उल्लेख नहीं, सीआरपीसी के तहत दर्ज किया गया बयान’
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत सोमवार को मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए गए अपने बयान में नाबालिग ने गर्भावस्था का जिक्र नहीं किया.
हालांकि, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शर्त पर बात करते हुए दिप्रिंट को बताया कि “जांच जारी है. जांच आगे बढ़ने पर पीड़िता मजिस्ट्रेट के सामने सप्लीमेंटरी बयान दर्ज करा सकती है.”
आरोपी पूर्व डब्ल्यूसीडी अधिकारी ने पहले किशोर न्याय बोर्ड के अधीक्षक और महिला एवं बाल विकास मंत्री के विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) के रूप में भी काम किया है.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने पहले दिप्रिंट को बताया था कि दोनों परिवार “एक-दूसरे को लगभग 20 वर्षों से जानते हैं और झारखंड से हैं”.
आरोपी और उसकी पत्नी के दो बच्चे हैं.
सूत्रों में से एक ने कहा, “पीड़ित के [नाबालिग के] पिता और आरोपी, दोनों दिल्ली सरकार के कर्मचारी, दोस्त थे. उसके पिता की मृत्यु के बाद, उसकी मां उसे आरोपी के घर छोड़ गई थी, जिसे लड़की ‘मामा’ कहकर बुलाती थी. लड़की की मां ने कहा है कि उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि बच्ची घर में अकेली थी और उसे बच्चों के साथ कुछ समय मिलेगा.”
दिल्ली के बुराड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई एफआईआर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं और धारा 376 2f (अभिभावक होने के नाते, ऐसी महिला पर बलात्कार करना), 506 (आपराधिक धमकी), 509, किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से किया गया कार्य), 323 (चोट पहुंचाना), 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात करना), और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
(अनुवाद/ पूजा मेहरोत्रा)
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