लखनऊ: बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को एक अखबार के कॉलम में ‘नए संविधान’ के आह्वान को लेकर प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय पर निशाना साधा और इसे “उसके अधिकार क्षेत्र का खुला उल्लंघन” बताया.
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने को कहा.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर मायावती ने कहा, “देश का संविधान इसकी 140 करोड़ गरीब, पिछड़ी व उपेक्षित जनता के लिए मानवतावादी एवं समतामूलक होने की गारंटी है, जो स्वार्थी, संकीर्ण, जातिवादी तत्वों को पसंद नहीं और वे इसको जनविरोधी व धन्नासेठ-समर्थक के रूप में बदलने की बात करते हैं, जिसका विरोध करना सबकी जिम्मेदारी है.”
उन्होंने आगे लिखा, “आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय द्वारा अपने लेख में देश में नए संविधान की वकालत करना उनके अधिकार क्षेत्र का खुला उल्लंघन है जिसका केंद्र सरकार को तुरंत संज्ञान लेकर जरूर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आगे कोई ऐसी अनर्गल बात करने का दुस्साहस न कर सके.”
1. आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय द्वारा अपने लेख में देश में नए संविधान की वकालत करना उनके अधिकार क्षेत्र का खुला उल्लंघन है जिसका केन्द्र सरकार को तुरन्त संज्ञान लेकर जरूर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आगे कोई ऐसी अनर्गल बात करने का दुस्साहस न कर सके। (1/2)
— Mayawati (@Mayawati) August 18, 2023
भाजपा का साथ देने के आरोपों के बावजूद, मायावती ने अतीत में महंगाई, बेरोजगारी, धार्मिक ध्रुवीकरण और जातिवाद आदि जैसे कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखा है.
पिछले महीने, उन्होंने कहा था कि जबकि बसपा विवादास्पद समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विरोध नहीं करती है, पार्टी को लगता है कि भाजपा और उसकी सरकार इस मुद्दे को “अपनी गलतियों को छिपाने और जनता का ध्यान भटकाने के लिए” फिर से उठा रही है.
मिंट में मंगलवार में प्रकाशित एक कॉलम में देबरॉय ने एक नए संविधान का आह्वान किया था, जिसमें कहा गया था कि ड्राइंग बोर्ड पर वापस जाने की ज़रूरत है, पहले सिद्धांतों से शुरू करें और पूछें कि वर्तमान समय में प्रस्तावना में मौजूद शब्दों का क्या मतलब है.
गुरुवार को ईएएम-पीएम ने भी अपने अध्यक्ष की टिप्पणियों से खुद को दूर कर लिया, यह कहते हुए कि लेख उनकी “व्यक्तिगत विचारों” से लिखा गया था और किसी भी तरह से भारत सरकार के ईएसी-पीएम के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करता था.
The recent article by Dr @bibekdebroy was in his personal capacity. In no way do they reflect the views of EAC-PM or the Government of India.
— EAC-PM (@EACtoPM) August 17, 2023
गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ईएसी-पीएम के आधिकारिक हैंडल से जारी एक पोस्ट में कहा गया, “डॉ @bibekdebroy का हालिया लेख उनके व्यक्तिगत विचार थे. वे किसी भी तरह से ईएसी-पीएम या भारत सरकार के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं.”
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: गहलोत महंगाई राहत के तहत गैस, बिजली और पेंशन दे रहे, लेकिन अब लोगों को सेलफोन का इंतजार है